रायपुर, 31 मार्च 2025: बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नए स्तर पर ले जाते हुए, इस वर्ष का “बस्तर पंडुम 2025” एक ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है। आगामी 3 अप्रैल को दंतेवाड़ा में आयोजित इस उत्सव में प्रसिद्ध कवि और वक्ता डॉ. कुमार विश्वास अपनी विशेष राम कथा – “बस्तर के राम” का वाचन करेंगे।
रामायण से जुड़ा बस्तर का ऐतिहासिक महत्व
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस आयोजन को बस्तर की आत्मा से जुड़ा सांस्कृतिक पुनर्जागरण करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि परंपरा, आस्था और विकास का संगम है। उन्होंने कहा कि दंडकारण्य क्षेत्र, जिसे रामायण काल में श्री राम के वनवास स्थल के रूप में जाना जाता है, आज एक बार फिर धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनेगा।

बस्तर को मिलेगी वैश्विक पहचान
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि “बस्तर पंडुम 2025” न केवल स्थानीय लोगों में सांस्कृतिक जागरूकता लाएगा, बल्कि बस्तर को वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि “बस्तर के राम” जैसे आयोजन यह सिद्ध करते हैं कि विकास और शांति का सबसे प्रभावी मार्ग संस्कृति और परंपरा से होकर जाता है।
उपमुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि “बस्तर पंडुम” और “बस्तर के राम” जैसे कार्यक्रम बस्तर को भारत और विश्व से जोड़ने वाले सांस्कृतिक सेतु की तरह कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन मुख्यमंत्री श्री साय के बस्तर के समेकित विकास के संकल्प का प्रमाण है।
बस्तर में गूंजेगी राम कथा की पावन ध्वनि
इस विशेष आयोजन में जब डॉ. कुमार विश्वास की वाणी में “बस्तर के राम” की कथा गूंजेगी, तो यह केवल एक कथा-वाचन नहीं होगा, बल्कि शांति, एकता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संदेश देगा। यह आयोजन बस्तर की पौराणिक विरासत को पुनर्जीवित करने का एक ऐतिहासिक अवसर साबित होगा।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण:
📌 उद्घाटन सत्र: 3 अप्रैल 2025, शाम 6 बजे
📌 स्थान: दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़
📌 मुख्य आकर्षण: डॉ. कुमार विश्वास द्वारा “बस्तर के राम” कथा वाचन
📌 विशेष अतिथि: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
इस आयोजन से यह सिद्ध होगा कि बस्तर अब सिर्फ संघर्ष की भूमि नहीं, बल्कि संस्कृति और शांति का केंद्र भी है।
