बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के टिमेनार गांव ने इतिहास रच दिया है। आजादी के 77 साल बाद पहली बार यह गांव रोशनी से जगमगाया है। मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजना के तहत यह उपलब्धि हासिल की गई, जिससे न सिर्फ गांव में बिजली आई, बल्कि माओवाद के खौफ से भी मुक्ति मिली।
अंधकार से उजाले की ओर
टिमेनार, जो भैरमगढ़ ब्लॉक के बेचापाल ग्राम पंचायत का हिस्सा है, वहां की 53 घरों में पहली बार बिजली पहुंची है। इस ऐतिहासिक क्षण ने गांव में खुशी और उम्मीद की लहर दौड़ा दी है।

गांव के निवासी माशरम, पंद्रु कुंजाम, मंगली और प्रमिला ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा,
“अब अंधेरे से डरने की जरूरत नहीं। बिजली आ गई है, तो अब जंगली जानवरों, सांपों और बिच्छुओं का खतरा भी कम हो गया है। हमारे बच्चे अब आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं और हमें भी विकास की राह में शामिल होने का एहसास हो रहा है।”
माओवाद से मुक्त, विकास की ओर बढ़ता टिमेनार
टिमेनार गांव में बिजली आने के बाद अन्य बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी तेजी से काम हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने कहा,
“जहां कभी माओवाद का साया था, वहां अब विकास की किरणें चमक रही हैं। टिमेनार का विद्युतीकरण सिर्फ एक शुरुआत है, हमारी सरकार हर मजरा-टोला तक बिजली पहुंचाने के लिए संकल्पित है। यह बदलाव सही मायनों में शासन और विकास की जीत है।”
आतंक नहीं, अब होगा विकास
सरकार ने यह साबित कर दिया है कि छत्तीसगढ़ के सबसे दूरस्थ और संघर्षग्रस्त इलाकों में भी स्थायी विकास संभव है। टिमेनार का विद्युतीकरण माओवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अब यह इलाका शांति, सुरक्षा और समृद्धि की ओर कदम बढ़ा रहा है।
