दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 22 मार्च, शनिवार को बिहार दिवस का आयोजन किया जा रहा है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने इस आयोजन का विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) को “बाहरी जनता पार्टी” करार दिया है। क्रांति सेना का आरोप है कि राज्य में छत्तीसगढ़ी संस्कृति को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि बाहरी राज्यों के त्योहारों और परंपराओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
क्रांति सेना का बीजेपी पर हमला
छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार को अपने प्रदेश की संस्कृति और पहचान को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय बाहरी राज्यों के आयोजनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब छत्तीसगढ़ दिवस पर कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जाता, तो बिहार दिवस के आयोजन की क्या जरूरत है?

क्रांति सेना के नेताओं का कहना है कि बीजेपी को छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता की चिंता नहीं है, इसलिए वह बाहरी राज्यों की परंपराओं को बढ़ावा दे रही है।
बिहार दिवस के आयोजन पर सियासी विवाद
बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है, क्योंकि 1912 में इसी दिन बिहार को बंगाल से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य बनाया गया था। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में बिहार के लोग बसे हुए हैं, इसलिए इस आयोजन को लेकर खासा उत्साह रहता है। हालांकि, इस बार छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के विरोध के कारण यह कार्यक्रम विवादों में आ गया है।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्राथमिकता देने की मांग
क्रांति सेना के सदस्यों ने मांग की है कि राज्य सरकार और प्रशासन को छत्तीसगढ़ी त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर बाहरी संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश जारी रही, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
इस मुद्दे पर बीजेपी और स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, यह मामला धीरे-धीरे राजनीतिक रूप लेता जा रहा है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद कितना बढ़ता है और इसका क्या असर पड़ता है।
