बिहार विधान परिषद में हंगामा: नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच तीखी नोकझोंक

पटना। बिहार विधान परिषद में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद की एमएलसी राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने बिहार में बढ़ते अपराध का मुद्दा उठाया और हंगामा करने लगे। विपक्षी सदस्य वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें शांत करने की कोशिश की।

नीतीश कुमार का पलटवार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा,
“मैं आप सभी से बैठने का अनुरोध करता हूं। अगर कहीं हत्या हुई है, तो निश्चित रूप से जांच होगी। हम आज ही इस पर कार्रवाई करेंगे।”

इसके बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की ओर इशारा करते हुए राजद सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा,
“जब इनके पति (लालू प्रसाद यादव) की सरकार थी, तब बिहार की क्या स्थिति थी? बिहार में कोई काम नहीं हुआ। अगर कोई घटना हुई है, तो जांच होगी। जब उनके पति की सरकार थी, तब क्या कोई जांच होती थी? क्या कोई काम हुआ था?”

इसके साथ ही नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि राजद सरकार के दौरान बिहार में हिंदू-मुस्लिम दंगे होते थे। उन्होंने कहा,
“हमने बिहार में सभी काम किए हैं। यह लोग सिर्फ प्रचार चाहते हैं। इन लोगों ने कोई काम नहीं किया। तब केवल हिंदू-मुस्लिम दंगे होते थे। आखिर आप मुख्यमंत्री क्यों बने थे? जब आपके पति को हटाया गया, तब आपको मुख्यमंत्री बना दिया गया।”

राबड़ी देवी का जवाब

राबड़ी देवी ने भी नीतीश कुमार पर पलटवार किया। उन्होंने कहा,
“बिहार में हर दिन हत्या, बलात्कार, चोरी की घटनाएं हो रही हैं। होली पर भी कई हत्याएं हुईं। सरकार कानून-व्यवस्था संभाल नहीं पा रही है। यह सरकार केवल कागजों पर चल रही है। बिहार में जंगलराज है।”

राबड़ी देवी ने जेडीयू नेता अशोक चौधरी पर भी हमला बोला और कहा,
“अशोक चौधरी पहले कांग्रेस में लूटते थे और अब जेडीयू में लूट रहे हैं।”

हंगामे के बाद विपक्ष को किया गया बाहर

सदन में बढ़ते हंगामे के बीच स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों को पहले सत्र तक सदन से बाहर करने का आदेश दिया।

मोबाइल फोन पर भी विवाद

इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में मोबाइल फोन लाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने राजद विधायक सुदय यादव को सदन में मोबाइल निकालने पर फटकार लगाई। नीतीश कुमार ने स्पीकर नंद किशोर यादव से कहा,
“जब सदन में मोबाइल लाने की अनुमति नहीं है, तो यह सदस्य इसे अंदर कैसे ला सकता है? सुनिश्चित किया जाए कि जो भी मोबाइल लेकर आएगा, उसे सदन से बाहर किया जाए।”

इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने कहा कि अत्यधिक मोबाइल फोन का उपयोग पृथ्वी को 10 वर्षों में नष्ट कर सकता है। उनके इस बयान की भी खूब चर्चा हो रही है।