रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब जो ग्राम पंचायतें खुद को ‘नक्सल मुक्त’ घोषित करेंगी, उन्हें सरकार द्वारा ₹1 करोड़ की विकास योजनाएं, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी और बिजली जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
यह घोषणा राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने की, जो गृह विभाग भी संभालते हैं। यह ऐलान बस्तर में 30 नक्सलियों के मारे जाने के एक दिन बाद किया गया है, जो सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।

‘एलवड़ पंचायत अभियान’ होगा लॉन्च
सरकार “एलवड़ पंचायत अभियान” की शुरुआत करेगी, जिसके तहत वे पंचायतें जो नक्सलियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करेंगी और खुद को नक्सल मुक्त घोषित करेंगी, उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। विजय शर्मा ने कहा, “ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए ₹1 करोड़, मोबाइल नेटवर्क और बिजली की सुविधा दी जाएगी।”
नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए नई पुनर्वास नीति
राज्य सरकार ने “छत्तीसगढ़ नक्सली आत्मसमर्पण और पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025” को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तीन साल तक मुफ्त आवास, भोजन और ₹10,000 प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
अन्य सुविधाएं:
- आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जमीन और घर दिए जाएंगे।
- पुनर्वास योजना के तहत उन्हें आर्थिक सहायता भी मिलेगी।
- नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों को वित्तीय सहायता, जमीन और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
शहीद जवानों के सम्मान में ‘वीर बलिदानी योजना’
सरकार ने ‘वीर बलिदानी योजना’ के तहत ₹10 करोड़ का बजट आवंटित किया है। इसके तहत शहीद जवानों की प्रतिमाएं उनके पैतृक गांवों में स्थापित की जाएंगी। पहले चरण में 500-600 प्रतिमाएं लगाई जाएंगी, जिससे शहीदों के परिजनों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “हम नक्सलवाद को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। सरकार की नई नीति से आत्मसमर्पण को बढ़ावा मिलेगा और राज्य को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।”
