पटना, 17 मार्च 2025: बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी विनय कुमार और मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा को सदन में तलब किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विधि व्यवस्था को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने अपराध नियंत्रण और पुलिस पर हो रहे हमलों को लेकर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली।
विधानसभा में डीजीपी और मुख्य सचिव की तलब
बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल डीजीपी और मुख्य सचिव को विधानसभा बुलाया। बुलावे की सूचना मिलते ही डीजीपी विनय कुमार और मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा विधानसभा पहुंचे और मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कानून-व्यवस्था पर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।

अपराध पर लगाम लगाने के निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने बढ़ते अपराधों और पुलिस पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अपराधी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन को अपराध नियंत्रण में कोताही नहीं बरतने की सख्त हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि—
“विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अपराधी कोई भी हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”
साजिशों की जांच और अपराध अनुसंधान में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि अपराधों के पीछे कोई साजिश है, तो उसकी गहराई से जांच की जाए। उन्होंने क्राइम इन्वेस्टिगेशन में तेजी लाने और दोषियों पर जल्द कार्रवाई करने की भी हिदायत दी।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह मौजूद थे।
