उत्तर भारत के कम से कम आठ FIITJEE (फोरम फॉर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) कोचिंग सेंटर्स पिछले सप्ताह अचानक बंद हो गए। यह घटनाक्रम बोर्ड परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं से पहले हुआ है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ गई है।
बंद हुए सेंटर्स
FIITJEE के नोएडा, गाजियाबाद, भोपाल, वाराणसी, दिल्ली और पटना जैसे प्रमुख शहरों के सेंटर्स बंद हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित सेंटर हाल ही में बंद हुआ। अधिकारियों के अनुसार, पहले नोएडा से शिक्षकों को मेरठ लाकर क्लास जारी रखने की कोशिश की गई, लेकिन यह सिर्फ कुछ दिनों तक ही चल पाया। इसके बाद सेंटर को बंद करना पड़ा।
अचानक बंदी और विरोध प्रदर्शन
अभिभावकों का आरोप है कि कोचिंग संस्थान ने न तो उन्हें कोई सूचना दी और न ही उनकी फीस वापस की। इसके चलते विभिन्न सेंटर्स के बाहर अभिभावकों का प्रदर्शन देखा गया। कई ने पुलिस में शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
मेरठ में पढ़ रहे एक छात्र के पिता ने कहा, “करीब छह महीने पहले कुछ राज्यों में FIITJEE के सेंटर बंद हुए थे। उस समय हमें बताया गया था कि ये सेंटर बंद नहीं होंगे और हमने पूरे पैसे जमा कर दिए। मैंने अब तक 6 लाख रुपये का निवेश किया है। यहां तक कि जब शिक्षकों ने नौकरी छोड़ी, तब भी हमें कहा गया कि क्लास जारी रहेंगी।”
वित्तीय संकट और प्रशासनिक मुद्दे
FIITJEE के एक शिक्षक ने बताया कि अधिकांश शिक्षक वेतन न मिलने के कारण संस्थान छोड़ रहे हैं। FIITJEE के वित्तीय संकट के बीच कई शाखाओं पर प्रशासनिक कार्रवाई और लाइसेंस एवं अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की जांच चल रही है। यह संकट ऐसे समय में बढ़ा जब 22, 23 और 24 जनवरी को जेईई मेन्स (सत्र-1) परीक्षा होने वाली है।
FIITJEE का इतिहास और स्थिति
FIITJEE की स्थापना 1992 में आईआईटी दिल्ली के स्नातक डीके गोयल ने की थी। यह कोचिंग संस्थान इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं और नीट की तैयारी के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान करता है। FIITJEE के देशभर में 72 केंद्र और 41 शहरों में शाखाएं हैं। संस्थान में 300 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।