छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर 2024 से शुरू हुई धान खरीदी ने इस वर्ष नया कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। अब तक 145 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है, जो पिछले वर्ष के 144.92 लाख मीट्रिक टन के रिकॉर्ड को पार कर चुकी है।
25 लाख से अधिक किसानों को मिला भुगतान
खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 25 लाख 13 हजार किसान अपनी उपज बेच चुके हैं। किसानों को बैंक लिंकिन्ग व्यवस्था के तहत 29,599 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। यह राशि राज्य सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है कि किसानों को उनकी उपज का मूल्य समय पर मिले।
कस्टम मिलिंग के लिए तेज उठाव
धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए भी तेजी से धान का उठाव किया जा रहा है। अभी तक 110 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी किए गए हैं, जिसके तहत 87 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।
31 जनवरी तक चलेगी धान खरीदी
धान खरीदी 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। किसानों की सुविधा के लिए “टोकन तुंहर हाथ” नामक ऑनलाइन ऐप और उपार्जन केंद्रों में टोकन की सुविधा 25 जनवरी 2025 तक उपलब्ध कराई गई है। किसान अपनी सुविधा के अनुसार तिथि चुनकर धान विक्रय कर सकते हैं।
160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए राज्य में 27.78 लाख किसानों का पंजीयन किया गया है, जिसमें 1.59 लाख नए किसान शामिल हैं। राज्य सरकार ने इस वर्ष 2739 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है।
24 जनवरी का विशेष आंकड़ा
24 जनवरी 2025 को समर्थन मूल्य के तहत 30,762 किसानों से 1.41 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। इसके लिए 58,997 टोकन जारी किए गए थे।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के इस ऐतिहासिक आंकड़े से राज्य सरकार की किसान-हितैषी नीतियों की सफलता झलकती है। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि राज्य को कृषि क्षेत्र में अग्रणी बना रहा है।