कोलकाता, 21 जनवरी: पश्चिम बंगाल सरकार ने आर.जी. बलात्कार और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय के लिए सत्र न्यायालय द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया है। सरकार ने इस मामले में मौत की सजा की मांग की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर इस फैसले की आलोचना की और उच्च न्यायालय में अपील करने का संकल्प लिया। उन्होंने इस मामले को ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ की श्रेणी में रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने अपने फैसले में पुलिस की जांच में हुई खामियों और अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले को दबाने के प्रयासों पर भी आपत्ति जताई थी।
यह घटना अगस्त 2024 में हुई थी, जिसने पूरे देश में भारी आक्रोश पैदा किया। उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी, जिसने सत्र न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा, जिसने स्वत: संज्ञान लेते हुए डॉक्टरों की कार्यस्थल सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने और जांच की निगरानी करने का आदेश दिया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय में विभिन्न मामलों की सुनवाई हुई, जिसने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार की जांच भी सीबीआई को सौंपी। हालांकि, सीबीआई समय पर चार्जशीट दाखिल करने में असमर्थ रही, जिससे प्रिंसिपल और ओसी को जमानत मिल गई।
इस प्रकार, सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल किए गए एकमात्र आरोपी संजय रॉय के खिलाफ ही मामला बचा हुआ है।
पश्चिम बंगाल सरकार के इस कदम से इस मामले में न्याय की उम्मीद फिर से जाग उठी है।