भारत में 26 प्रतिशत कार्यबल एआई के प्रभाव में, 14 प्रतिशत को होगा लाभ: गीता गोपीनाथ

स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने बताया कि भारत के विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में काम करने वाले लगभग 26 प्रतिशत कार्यबल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभाव पड़ेगा।

हालांकि, उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह नकारात्मक नहीं है। इस 26 प्रतिशत में से 14 प्रतिशत को एआई और संबंधित तकनीकों से फायदा होगा, जबकि शेष 12 प्रतिशत को “विस्थापन प्रभाव” का सामना करना पड़ सकता है।

गीता गोपीनाथ ने कहा, “भारत में, हमारी गणना है कि 26 प्रतिशत कार्यबल एआई से प्रभावित होगा। इनमें से 14 प्रतिशत को लाभ मिलेगा और 12 प्रतिशत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

अमिताभ कांत, जो भारत के G20 शेरपा हैं, ने भी पिछले साल कहा था कि एआई के विकास को रोकना असंभव है। हालांकि, यह नई तरह की नौकरियां और कौशल के नए अवसर लेकर आएगा। उन्होंने डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में अधिक कुशल लोगों की आवश्यकता पर जोर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एआई के महत्व पर बल देते हुए कहा था कि सरकार हर क्षेत्र में एआई के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

गीता गोपीनाथ ने यह भी बताया कि एआई का वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “उत्पादकता में 0.1 से 0.8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि होने की संभावना है, जो औसतन तीन प्रतिशत विश्व विकास दर के मुकाबले बड़ा योगदान है।”

उन्होंने यह भी कहा कि एआई का वास्तविक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि तकनीक कितनी तेजी से विकसित और अपनाई जाती है, और सरकारें इसे कार्यस्थलों में शामिल करने के लिए कितनी प्रभावी रणनीति अपनाती हैं।

गीता गोपीनाथ ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कार्यबल को नई तकनीकों के लिए प्रशिक्षित करने और नवाचार व स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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