वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद शुक्रवार को निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर निलंबन पर आपत्ति जताई है। सांसदों ने आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष ने “किसी से फोन पर बात करने” के बाद उन्हें निलंबित कर दिया।
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में विपक्षी सांसदों ने घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए समिति की कार्यवाही को “एकतरफा और अनुचित” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष ने उनकी बार-बार की गई अपीलों को नजरअंदाज करते हुए बैठक को पुनर्निर्धारित नहीं किया, जिसके चलते उन्हें अपने निर्धारित क्षेत्रीय कार्यक्रमों को छोड़कर अल्प सूचना पर दिल्ली वापस आना पड़ा।
पत्र में कहा गया, “आज सुबह 11:00 बजे जब बैठक शुरू हुई, तो हमने अध्यक्ष द्वारा समिति की कार्यवाही को संचालित करने के तरीके के खिलाफ अत्यधिक सम्मान के साथ अपनी आवाज बुलंद की। हमने इस बात को उजागर किया कि अध्यक्ष ने नियमों के अनुसार उचित प्रक्रिया को दरकिनार कर एकतरफा और अनुचित तरीके से JPC का संचालन किया।”
निलंबन पर विपक्ष की आपत्ति
विपक्षी सांसदों ने यह भी कहा कि JPC की कार्यवाही में निष्पक्षता का अभाव था। उन्होंने दावा किया कि समिति के अध्यक्ष ने बैठक के दौरान किसी से फोन पर बातचीत करने के बाद निर्णय लिया, जो समिति के संचालन पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
संसदीय प्रक्रिया पर उठाए सवाल
विपक्ष ने मांग की है कि JPC की बैठक के संचालन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने अपने निलंबन को रद्द करने की मांग की है।