रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माओवादी समस्या के खिलाफ राज्य की बड़ी सफलताओं का श्रेय ‘डबल इंजन’ सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति ने राज्य में कानून व्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डाला है। उन्होंने वित्तीय चुनौतियों और कल्याणकारी योजनाओं को लेकर सरकार की रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला।
धान खरीदी और वित्तीय प्रबंधन पर जोर
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि पिछले सीजन में धान की खरीद ₹3,100 प्रति क्विंटल की दर से की गई थी। इस साल धान की खेती का क्षेत्र बढ़ा है, जिससे खर्च ₹13,289 करोड़ से बढ़कर ₹14,000-15,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। पिछले साल 14.5 मिलियन टन धान खरीदा गया था, जो इस बार 16 मिलियन टन तक पहुंच सकता है।
उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने ₹720 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। सरकार आबकारी, खनन और जीएसटी संग्रह में सुधार के जरिए राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
माओवाद के खिलाफ लड़ाई जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने मार्च 2026 तक माओवाद का सफाया करने का लक्ष्य रखा है और रणनीति पर चर्चा के लिए हाल ही में दो बार छत्तीसगढ़ का दौरा किया है। सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है, और माओवादियों को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है और उन्हें पुनर्वासित किया जा रहा है।
कानून व्यवस्था पर सरकार की व्यापक नजर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि माओवाद पर फोकस करने से राज्य के अन्य हिस्सों की कानून व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर काम कर रही है।
भाजपा की पारदर्शी निर्णय प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि भाजपा में सभी फैसले परामर्श के आधार पर पारदर्शिता के साथ लिए जाते हैं। राज्य सरकार नियुक्तियों और अन्य निर्णयों से पहले संबंधित लोगों से चर्चा करती है।