छत्तीसगढ़ में दूध उत्पादन को बढ़ावा: तीन साल में 79,000 किलो से 5 लाख किलो तक पहुंचेगा दूध संग्रह

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में दूध उत्पादन और संग्रह को बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठा रही है। अगले तीन वर्षों में दूध संग्रह को 79,000 किलो से बढ़ाकर 5 लाख किलो प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (CG CDF) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच एक समझौता हुआ है।

यह समझौता सोमवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में किया गया।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस साझेदारी के तहत राज्य में डेयरी सहकारी समितियों की संख्या 650 से बढ़ाकर 3,850 की जाएगी। इसके अलावा, 3,200 नई बहुउद्देश्यीय प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। इससे 3850 गांवों को सहकारी नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

दूध संग्रह क्षमता 79,000 किलो प्रतिदिन से बढ़ाकर 5 लाख किलो प्रतिदिन और दूध प्रसंस्करण क्षमता तीन गुना बढ़ाकर 4 लाख लीटर प्रतिदिन की जाएगी। एनडीडीबी सीजीसीडीएफ के संचालन, दूध संग्रह, प्रसंस्करण और विपणन की देखरेख करेगा। साथ ही, डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, किसानों की आय बढ़ाने और एक स्थायी डेयरी इकोसिस्टम बनाने पर ध्यान देगा।

अमित शाह ने दुग्ध उत्पादन को 5 लाख किलो प्रतिदिन तक बढ़ाने के लिए राज्य में गायों और भैंसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों का विस्तार सुनिश्चित किया जाए और हर गांव तक सहकारी आंदोलन पहुंचाया जाए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि वर्तमान में 621 सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इस समझौते के तहत 3,200 नई समितियों के जरिए 1.5 लाख पशुपालकों को जोड़ा जाएगा। पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों की मदद से दूध की जांच और त्वरित भुगतान की सुविधा दी जाएगी।

एनडीडीबी परियोजना के लिए प्रबंधन सहायता प्रदान करेगा और तकनीकी सेवा शुल्क नहीं लेगा। परियोजना को केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं, नाबार्ड के लोन और राज्य सरकार के योगदान के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा।