मुर्शिदाबाद में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मॉडल की योजना पर राजनीतिक संग्राम

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मॉडल बनाने की योजनाओं ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। भाजपा की मुर्शिदाबाद इकाई ने बेहरमपुर में राम मंदिर बनाने की घोषणा की है, जो 22 जनवरी 2025 को शुरू होगा। इस घोषणा से कुछ दिन पहले टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने बेलडांगा में बाबरी मस्जिद के मॉडल पर आधारित एक मस्जिद बनाने की योजना का प्रस्ताव रखा था।

भाजपा के बेहरमपुर संगठनात्मक जिला अध्यक्ष, शेखरव सरकार ने कहा कि मंदिर के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है और निर्माण कार्य की लागत लगभग 10 करोड़ रुपये होगी। “अयोध्या के राम मंदिर की डिजाइन पर आधारित यह मंदिर बेहरमपुर क्षेत्र में बनाया जाएगा,” उन्होंने कहा।

टीएमसी विधायक की मस्जिद बनाने की योजना

टीएमसी के बेलडांगा विधायक हुमायूं कबीर ने मंगलवार को बाबरी मस्जिद मॉडल पर आधारित मस्जिद बनाने की योजना का ऐलान किया था। उनका कहना है कि यह पहल क्षेत्र की अल्पसंख्यक आबादी की भावनाओं का सम्मान करने के लिए है।

राजनीतिक विवाद और समुदायों में ध्रुवीकरण की आशंका

इन योजनाओं को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। विपक्षी दलों ने टीएमसी विधायक पर आरोप लगाया है कि वे राजनीतिक लाभ के लिए समुदायों में ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा की राम मंदिर योजना को भी हिंदू समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि मुर्शिदाबाद में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 75 प्रतिशत है।

राजनीतिक दलों के बीच बढ़ता संघर्ष

राम मंदिर और मस्जिद मॉडल को लेकर इन घोषणाओं ने क्षेत्र में सामाजिक-सांस्कृतिक संतुलन को चुनौती दी है। आने वाले समय में इस पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाओं और जनता की राय का असर महत्वपूर्ण होगा।

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