नवा रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज “छत्तीसगढ़ की औद्योगिक विकास नीति 2024-30” का शुभारंभ करते हुए निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ को उद्योगों का केंद्र बनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए नई नीति में कई विशेष प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “वर्ष 2047 तक विकसित भारत” के लक्ष्य को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य के रूप में तैयार करना आवश्यक है। इस दिशा में नई औद्योगिक नीति रोजगार सृजन, निर्यात प्रोत्साहन और निवेश को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के 27 बड़े औद्योगिक समूहों को 32,225 करोड़ रुपये के निवेश के लिए “इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर” प्रदान किए। इसमें आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा सेंटर, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और कम्प्रेस्ड बायो गैस जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव शामिल हैं।
नई नीति के मुख्य बिंदु:
- सिंगल विंडो सिस्टम से उद्योगों की स्थापना सरल।
- एमएसएमई को सशक्त बनाने और रोजगार सृजन पर जोर।
- निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं।
- औद्योगिक अधोसंरचना और निर्यात प्रोत्साहन।
उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने नई नीति को मुख्यमंत्री श्री साय और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि इस नीति से न केवल निवेश बढ़ेगा बल्कि राज्य के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार श्री संजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निवेशकों के लिए पसंदीदा राज्य बन गया है। नई नीति को “सस्टेनेबल औद्योगिक विकास” की दिशा में एक बड़ा कदम बताया गया।
पैनल चर्चा और प्रमुख विचार-विमर्श:
कार्यक्रम के पैनल डिस्कशन में औद्योगिक अधोसंरचना, नीति समर्थन और उद्योग स्थापना के औपचारिकताओं को कम करने पर चर्चा की गई। राज्य के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने बताया कि नई नीति में रोजगार सृजन और निवेश प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
नई औद्योगिक नीति 2024-30 से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास की नई दिशा तय होगी। इसके माध्यम से राज्य की प्रगति के साथ अधिकाधिक लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे छत्तीसगढ़ “विकसित भारत” के निर्माण में अपनी भूमिका को सशक्त कर सकेगा।