महाराष्ट्र चुनाव रैली में पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, संभाजी महाराज के नाम को लेकर साधा निशाना

मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है और इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विपक्ष पर तीखा हमला बोला। संभाजी नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनके पास “संभाजी महाराज के नाम” से समस्या है और उन्होंने मराठा योद्धा संभाजी महाराज के हत्यारे को अपना मसीहा मानने वाले लोगों को महाराष्ट्र और मराठा स्वाभिमान के खिलाफ बताया।

पीएम मोदी ने कहा, “जिन्हें संभाजी महाराज के नाम से समस्या है, जो उनके हत्यारों में मसीहा देखते हैं, क्या वे लोग महाराष्ट्र और मराठा स्वाभिमान के खिलाफ नहीं हैं? क्या ये लोग हमारी पहचान के खिलाफ नहीं हैं? क्या महाराष्ट्र ऐसे लोगों को कभी स्वीकार करेगा?”

संभाजी महाराज, मराठा आइकन छत्रपति शिवाजी के पुत्र थे, जिन्हें मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने मारा था। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि कांग्रेस आरक्षण और विकास के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार बनाने के लिए विभाजन की राजनीति करती है, न कि विकास की। पुराने विज्ञापन, जो आजकल इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं, कांग्रेस की आरक्षण पर वास्तविक सोच को दिखाते हैं। कांग्रेस ने आरक्षण को देश और मेरिट के खिलाफ बताया था। कांग्रेस की मानसिकता और एजेंडा आज भी वही है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महायुति सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर रखकर शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की इच्छा को पूरा किया।

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) को “औरंगज़ेब फैन क्लब” बताते हुए हमला किया। धुले में एक रैली में उन्होंने कहा कि शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों को भूल गए हैं। शाह ने कहा, “अघाड़ी सिर्फ तुष्टीकरण चाहती है। सत्ता पाने के लिए उद्धव जी ने बालासाहेब ठाकरे के सभी सिद्धांतों को छोड़ दिया है। उद्धव बाबू, आज आप किनके साथ बैठे हैं? आज आप उनके साथ हैं जिन्होंने औरंगाबाद का नाम बदलने, राम मंदिर के निर्माण, अनुच्छेद 370 हटाने और पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया था। महाराष्ट्र के सामने दो स्पष्ट विकल्प हैं – एक तरफ अघाड़ी है, जो औरंगज़ेब फैन क्लब है, और दूसरी तरफ महायुति है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज और वीर सावरकर के सिद्धांतों का पालन करती है।”