CCI की जांच में Zomato और Swiggy पर प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन, विशिष्ट रेस्तरांओं को दी प्राथमिकता

भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की एक जांच में सामने आया है कि फूड डिलीवरी कंपनियाँ Zomato और SoftBank द्वारा समर्थित Swiggy ने प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया है। इनके व्यावसायिक तरीके केवल कुछ विशेष रेस्तरांओं को प्राथमिकता देकर बाजार में प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर रहे हैं। CCI के गोपनीय दस्तावेजों के मुताबिक, Zomato ने “विशिष्टता अनुबंध” (exclusivity contracts) किए, जिसमें उन्हें कम कमीशन के बदले विशेष रेस्तरां के साथ साझेदारी की, जबकि Swiggy ने कुछ रेस्तरांओं को केवल अपने प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने के लिए व्यापारिक लाभ का वादा किया।

यह जांच 2022 में नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया की शिकायत के बाद शुरू हुई थी। CCI के दस्तावेजों के अनुसार, Swiggy ने अपने “Swiggy एक्सक्लूसिव” कार्यक्रम को 2023 में बंद कर दिया था, लेकिन कंपनी “Swiggy Grow” के नाम से एक नया कार्यक्रम छोटे शहरों में शुरू करने की योजना बना रही है।

CCI रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि Zomato ने अपने रेस्तरां साझेदारों पर मूल्य निर्धारण और छूट पर प्रतिबंध लगाए थे, और कुछ मामलों में इन शर्तों का पालन न करने पर “दंड प्रावधान” भी शामिल था। Swiggy के कुछ साझेदार रेस्तरांओं को चेतावनी दी गई थी कि यदि उन्होंने मूल्य समानता नहीं रखी तो उनकी रैंकिंग नीचे कर दी जाएगी।

Swiggy, जो $1.4 बिलियन की IPO जारी कर रहा है, ने कहा है कि CCI मामले को आंतरिक जोखिमों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। वहीं, Zomato ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। अब CCI के शीर्ष नेतृत्व द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जो कुछ सप्ताहों में संभावित रूप से सामने आ सकता है। यदि किसी भी प्रकार का जुर्माना या व्यावसायिक तरीकों में बदलाव का आदेश दिया जाता है तो दोनों कंपनियों को चुनौती देने का अवसर होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page