छत्तीसगढ़ में भी अब हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई

छत्तीसगढ़ सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई को हिंदी में कराने का फैसला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘हिंदी दिवस’ के मौके पर इस निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विज़न का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने हिंदी में मेडिकल शिक्षा देने की बात कही थी।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई से ग्रामीण इलाकों के छात्रों को फायदा होगा, क्योंकि वे ज्यादातर हिंदी मीडियम स्कूलों से पढ़कर आते हैं और अंग्रेजी की वजह से उन्हें मेडिकल की पढ़ाई में मुश्किलें होती हैं। उन्होंने कहा, “हिंदी में पढ़ाई करने से छात्रों की बुनियाद मजबूत होगी और वे विषय को गहराई से समझ सकेंगे, जिससे वे बेहतर डॉक्टर बन सकेंगे।”

मध्य प्रदेश सबसे पहला राज्य था जिसने MBBS के लिए हिंदी में किताबें लॉन्च की थीं। 16 अक्टूबर 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद उत्तराखंड ने भी अपने मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम से MBBS की पढ़ाई शुरू करने की घोषणा की थी।

बिहार सरकार ने भी MBBS की पढ़ाई को हिंदी में कराने का फैसला लिया है। बिहार में यह पाठ्यक्रम AIIMS दिल्ली के सिलेबस के आधार पर तैयार किया जाएगा और 2024 में NEET UG पास करने वाले छात्रों के लिए यह उपलब्ध होगा।

छत्तीसगढ़ भी अब इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए हिंदी में मेडिकल शिक्षा देने की योजना बना रहा है, जिससे ग्रामीण और हिंदी मीडियम के छात्रों को अपने करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

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