हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ तब आया जब भारत की सबसे अमीर महिला और ओपी जिंदल समूह की चेयरपर्सन, सावित्री जिंदल ने हिसार विधानसभा सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। यह कदम तब उठाया गया जब बीजेपी ने इसी सीट से अपने मौजूदा विधायक और मंत्री कमल गुप्ता को आगामी 5 अक्टूबर के चुनावों के लिए उम्मीदवार घोषित किया था।
सावित्री जिंदल: राजनीतिक और औद्योगिक पृष्ठभूमि
सावित्री जिंदल का नाम देश की प्रमुख व्यवसायिक और राजनीतिक हस्तियों में शुमार है। उनके पुत्र, नवीन जिंदल, वर्तमान में कुरुक्षेत्र से बीजेपी के सांसद हैं। जिंदल परिवार का राजनीति और उद्योग दोनों में एक मजबूत प्रभाव है। ओपी जिंदल समूह की अध्यक्ष होने के नाते, सावित्री जिंदल का राजनीति में भी व्यापक अनुभव है, और उनका नाम हरियाणा की राजनीति में लंबे समय से जुड़ा हुआ है।
बीजेपी से संबंध
मार्च 2024 में, लोकसभा चुनावों से ठीक पहले, नवीन जिंदल ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था और कुरुक्षेत्र सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बने। इसके कुछ ही दिनों बाद, सावित्री जिंदल ने भी बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में हिसार में पार्टी ज्वाइन की।
हिसार में मुकाबला
अब सावित्री जिंदल के स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने से हिसार विधानसभा सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। बीजेपी ने इस सीट से मौजूदा विधायक और मंत्री कमल गुप्ता को पुनः उम्मीदवार बनाया है, जबकि सावित्री जिंदल का स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में उतरना हिसार के चुनावी समीकरणों को बदल सकता है।
आगे की राजनीति
इस घटनाक्रम ने हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सावित्री जिंदल की इस चुनावी लड़ाई को एक अहम मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जिससे हिसार का चुनाव परिणाम काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।