2016 में न्यायिक अधिकारी की पत्नी की संदिग्ध मौत की जांच CBI को सौंपी: सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में हुई एक न्यायिक अधिकारी की पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है। यह मामला तब चर्चा में आया जब मृतक महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने न्यायिक अधिकारी के प्रभाव में आकर इस मामले को बिना सही जांच के बंद कर दिया।

घटना का विवरण: मृतक महिला, जो अपनी शादी के समय दंतेवाड़ा में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी थीं, की शादी फरवरी 2014 में एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश से हुई थी। मई 2016 में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसे पुलिस ने आत्महत्या का मामला करार दिया। हालाँकि, महिला के परिवार ने आरोप लगाया कि उसके शरीर पर कई चोटों के निशान थे, जो आत्महत्या की बजाय हत्या की ओर इशारा कर रहे थे।

परिवार के आरोप और पुलिस की अनदेखी: मृतक के परिवार का कहना है कि पुलिस ने उनकी शिकायतें नजरअंदाज कीं और एफआईआर तक दर्ज नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस घटना को आत्महत्या बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया। परिवार ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन उन्हें कोई न्याय नहीं मिला।

हाई कोर्ट का निर्णय: जब मृतक के परिजनों ने इस मामले में सीबीआई जांच के लिए हाई कोर्ट का रुख किया, तो उनकी याचिका सात साल तक लंबित रही और अंततः कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि वे आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत मजिस्ट्रेट कोर्ट में एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप: मृतक की मां और भाई ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सीबीआई को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को जल्द से जल्द जांच पूरी करके रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page