तेलीबांधा तालाब मरीन ड्राइव में राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम में तथाकथित चमत्कारों का वैज्ञानिक प्रदर्शन किया गया, और नागरिकों एवं विद्यार्थियों को अंधविश्वास निर्मूलन से संबंधित किताबें व पंपलेट वितरित किए गए।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य था लोगों को अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों से मुक्त करना। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा, तर्कशील परिषद सहित अन्य सहयोगी संगठनों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. नरेंद्र दाभोलकर को श्रद्धांजलि दी गई।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष, डॉ. दिनेश मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि देश में अंधविश्वासों और सामाजिक कुरीतियों के कारण हर साल हज़ारों लोग प्रताड़ना के शिकार होते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिक जागरूकता आज के समय में अत्यन्त आवश्यक है, और इसके लिए लगातार अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से ही लोगों के मन में बसे अंधविश्वास और कुरीतियों को हटाया जा सकता है।
विज्ञान सभा के अध्यक्ष, विश्वास मेश्राम ने कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी दी। तर्कशील परिषद के डॉ. आर.के. सुखदेवे ने तथाकथित चमत्कारों का वैज्ञानिक प्रदर्शन किया और उनके पीछे की वैज्ञानिक सच्चाई को उजागर किया। संजीव खुद शाह ने वास्तुशास्त्र से जुड़े अंधविश्वासों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर अंजू मेश्राम, निसार अली, और अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में आईएमए अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, उमाशंकर ओझा, अधीर, जयश्री भगवानानी सहित कई नागरिक और स्कूली छात्र भी उपस्थित थे। नागरिकों और छात्रों को अंधश्रद्धा निर्मूलन से संबंधित किताबें और पंपलेट वितरित किए गए, और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।