मणिपुर के जिरिबम जिले में हाल ही में हिंसक घटनाओं के कारण तनाव बढ़ गया है। इस हिंसा की वजह से लगभग 200 नागरिकों को उनके घरों से निकालकर अस्थायी शिविरों में शरण दी गई है।
घटनाओं की शुरुआत तब हुई जब एक मैतेई व्यक्ति का शव मिला, जिससे स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने जिरिबम पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी अपनी सुरक्षा के लिए हथियारों की मांग कर रहे थे।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, जिरिबम के जिलाधिकारी ने जिले में धारा 144 लागू कर दी, जो लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध लगाती है। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि हिंसा और अधिक न फैले।
इस बीच, कुकी-जो समुदाय के संगठनों के अनुसार, शुक्रवार रात को तीन कुकी-जो गाँवों पर हमला हुआ और एक चर्च जला दी गई। इन हमलों ने जिले की शांति को और भंग कर दिया।
हिंसा की घटनाओं के पीछे सोइबम शरतकुमार सिंह की हत्या मुख्य कारणों में से एक है। वे जिरिबम जिले के सोरोक अटिंगबी खुनौ के निवासी थे, और उनकी हत्या के बाद जिले में डर और हिंसा की घटनाएं बढ़ गईं।
अब सरकारी बल इन घटनाओं की जांच कर रहे हैं और प्रभावित निवासियों की सुरक्षा और भलाई के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। इस प्रकार, विभागीय बलों द्वारा प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।