एलेना नॉर्मन लंबे समय से हॉकी इंडिया के सीईओ के पद पर बनी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अब इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इस पद पर रहते हुए एलेना को 13 साल हो गए थे। ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली एलेना के कार्यकाल में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम ने नई उंचाइयों को छुआ, इस दौरान भारतीय हॉकी टीम ने सर्वश्रेष्ठ वर्ल्ड रैंकिंग हासिल की। साथ ही टोक्यो ओलंपिक खेलों में अपना जलवा दिखाया। टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय पुरुष टीम ने 41 साल के अंतराल के बाद कांस्य पदक जीता, जबकि महिला टीम चौथे स्थान पर रही।
वहीं एलेना नॉर्मन ने पिछले कुछ महीनों से बकाया राशि का भुगतान नहीं होने के कारण अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। राष्ट्रीय महासंघ के सूत्रों ने पीटीआई को यह जानकारी दी। नॉर्मन का त्यागपत्र भारतीय महिला हॉकी टीम की मुख्य कोच यानेक शोपमैन के उस बयान के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राष्ट्रीय महासंघ उन्हें महत्व नहीं देता और उनका सम्मान नहीं करता।
नॉर्मन कात्यागपत्र राष्ट्रीय महासंघ के लिए एक और झटका है जिसने अपने आधिकारिक बयान में उनके पद छोड़ने का सटीक कारण नहीं बताया है।
हालांकि सूत्रों ने कहाकि नॉर्मन ‘पिछले 3 महीने से बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से परेशान थी और वह काम के माहौल से भी नाखुश थी।’
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप टिर्की ने नॉर्मन का त्यागपत्र स्वीकार करते हुएउनका आभार भी व्यक्त किया।
टिर्की ने बयान में कहा, ‘‘न सिर्फ हॉकी इंडिया के अध्यक्ष बल्कि पूर्व खिलाड़ी और हॉकी प्रेमी होने के कारण मैं पिछले 12-13 वर्षों में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। उनके समर्पण और प्रयासों ने हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी को वर्तमान समय की मजबूत स्थिति में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैं भविष्य के लिए उन्हें शुभकामना देता हूं।’’
नॉर्मन के शीर्ष पद पर रहते हुए भारत की पुरुष और महिला टीमों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल की थी। यही नहीं पुरुष टीम ने तोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर 41 साल से चले आ रहे पदक के इंतजार को खत्म किया था। इन खेलों में महिला टीम भी चौथे स्थान पर रही थी।
नॉर्मन ने अपने कार्यकाल का अधिकतर समय अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के हॉकी इंडिया का प्रमुख रहते हुए बिताया।