भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा है. भारत की समुद्री सीमा लगभग 7500 किलोमीटर की है. इस सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी नौसेना के पास है. एनडीटीवी ने नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार से समुद्री लुटेरे, मिलन 2024, चीन के बढ़ते खतरे सहित कई मुद्दों पर बात की. नौसेना प्रमुख ने खुलकर तमाम मुद्दों पर अपनी बात को रखा. उन्होंने कहा कि समुद्री लुटेरों को हमारा साफ संदेश है कि हम किसी भी तरह के गलत हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
समुद्री लुटेरों को साफ संदेश है- हम नहीं करेंगे बर्दाश्त
समुद्री लुटेरों को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये जो पायरेट्स हैं, ये क्राइम है और सदियों से चल रहा है. 2008 में ये ज्यादा हुआ था तब हमने जहाज डिप्लॉय किया था. अब तक 108 शिप डिप्लॉय हुए हैं. जनवरी से लेकर अक्टूबर तक शांति था तो हमे लगा कि खत्म हो गया. इज़रायल हमास के युद्ध के बाद फिर टेंशन बढ़ी है. बाकी देशों के शिप भी वहां थे लोकिन वो दूसरे काम में लग गए. हमने फिर से अपने शिप वहां डिप्लॉय किए हैं.
हमें उनके साथ ठीक से निपटना है और कड़ी कार्रवाई करनी है. हम इनको ट्रैक करते हैं. फिर हमारी शिप उनके पास जाती है और कार्रवाई करती है. संदेश साफ है कि हम यहां कुछ बर्दाश्त नहीं करेंगे.
समुद्र लुटेरों को लेकर सेना की क्या तैयारी है?
हमारे वहां पर 10 से ज्यादा जहाज डिप्लॉयड हैं. हमारे एक साथ दो ऑपरेशन चल रहे हैं. एक है एंटी पायरेसी ऑपरेशन इसके लिए चार शिप है. दूसरा एंटी ड्रोन ऑपरेशन हैं इसके लिए भी 8-10 शिप हैं. दोनों ऑपरेशन साथ में चल रहा है. पायरेट्स ने जिनको कब्जे में लिया उनको हमारे जहाज ने छुडाया है. अब हम संदेश दे रहे हैं कि ऐसा यहां नहीं चलेगा. हम अपना ऑपरेशन चलाते रहेंगे. हम यहां कोई भी उपद्रव नहीं सहेंगे.और सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.
नौसैनिक अभ्यास ‘मिलन-2024’ में 51 देश ले रहे हैं हिस्सा
नौसेना प्रमुख से जब पूछा गया कि मिलन 2024 में 51 देश आज भारत के साथ हैं. ये सफर कैसा रहा है तो उन्होंने कहा कि हमने इसे 4 देशों के साथ शुरू किया था. पोर्ट ब्लेयर से ये शुरू हुआ था. फिर हमने इसे विशाखापट्टनम में शिफ्ट किया. इस बार 51 से ज्यादा देश हिस्सा ले रहे हैं. 18 शिप एक एयरक्राफ्ट आ रहे हैं .जब शुरू किया था तो बहुत बेसिक था. पर अब ये काफी बढ़ गया है. टेबल टॉप एक्सरसाइज़ होगी. सब्जेक्ट मेटर एक्सपर्ट से चर्चा होगी. छोटे-छोटे देशों के साथ हम मिलकर काम कर रहे हैं. हम आपके साथ हैं इसका संदेश हम दे रहे हैं. ये हिस्सेदारी बहुत अच्छी है. ये स्थानीय परेशानियों के लिए स्थानीय सोल्यूशन ढूंढ़ने जैसा है.
मिलन एक्सरसाइज़ सबको साथ लेकर चलने के लिए ही है: नौसेना प्रमुख
नौसेना प्रमुख ने कहा कि ईरानी, पाकिस्तानी हो या कोई भी हो हम समुद्र में सबकी मदद कर रहे हैं. ये मिलन की जो एक्सरसाइज़ है ये इसी लिए है. इसमे सब लोग आते हैं बात करते हैं चर्चा होती है. इससे कोलैबोरेशन बढ़ता है. हमारा जो IFCIOR है वहां हमारे पड़ोसी देशों के लोग हमारे साथ काम कर रहे हैं. तो ऐसे कोई ऑपरेशन का इनपुट मिलता है. तो यहां हमारे पास इंफॉरमेशन भेजी जाती है. और हम ऑपरेशन शुरू करते हैं. पिछले महीने श्रीलंकन नेवी चीफ से जानकारी मिली थी कि एक फिंशिग बोट को पायरेट्स ने पकड़ लिया है. जानकारी मिलते हैं हमने उसे लोकेट किया और कार्रवाई की. कॉपरेशन रहता है हर देश के साथ हम सबके साथ मदद के लिए आगे आए हैं.
हमारी नियम है सी में जो मदद मागेंगा. हम उसको मदद देते हैं. हम नहीं देखते कि वो कौनसा देश है. हम हर देश की मदद करते हैं. चीन के एक शिप को भी हमने मदद भेजी थी.
समुद्री लुटेरों से निपटने के लिए नौसेना है पूरी तरह तैयार
जितने कैपेबल शिप है वहां डिप्लॉयड हैं. एंटी ड्रोन शिप के लिए जहाजों में एंटी शिप मिसाइल है. एंटी ड्रोन मिसाइल और सिस्टम है. एंटी सबमरीन सिस्टम भी है. सबसे ज्यादा काबिल सिस्टन भी हमारा वहां पर डिप्लॉयड है. पायरेसी ऑपरेशन के लिए हाई एंड शिप की ज़रूरत नहीं है. हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल इसमें होता है.
हिंद महासागर में चीन से कितना खतरा?
हिंद महासागर के क्षेत्र में 2008 के बाद से चीन की मौजूदगी लगातार बढ़ी है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि ये जो सागर होता है ये लैंड से अलग है. लैंड में बॉर्डर पार करना संभव नहीं है. लेकिन सी में बॉर्डर पार करना अलग है. कोई भी जहाज पास कर सकता है. इनके पास फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन है. सागर को सभी लोग इस्तेमाल कर सकते हैं. चीन भी इसे इस्तेमाल कर सकता है. चीन कई देशों में इंपोर्ट एक्सपोर्ट करना चाहता है. लेकिन हम ध्यान में रखते हैं कि वो क्या चाहता है. लेकिन 2008 के बाद से उनका डिप्लॉयमेंट बढ़ा है.
मालदीव से हमारे अच्छे रिश्ते हैं: नौसेना प्रमुख
मालदीव एक सोवरेन कंट्री है. इससे पहले बांगलादेश में भी चीन के एक शिप को बुलाया था सर्वे करने के लिए . मालदीव के साथ हमारा अच्छा रिश्ता रहा है. उनके नेवल ट्रेनी हमारे साथ ट्रेन होते हैं.नौसेना के साथ अच्छा रिश्ता है. मालदीव ने सैनिकों को वापस भेजने की बात कही है इस मुद्दे पर हम सरकार के साथ काम कर रहे हैं.
नौसेना में जुड़ सकता है एयरक्राफ़्ट कैरियर
एयरक्राफ़्ट कैरियर हम देख रहे हैं. विक्रांत हमारा बना है वो अच्छा है. इसलिए हमारे में एक और लेने का कॉन्फिडेंस आया है. बड़ा एयरक्राफ़्ट कैरियर बनाने के लिए इफ्रास्ट्रकचर लगेगा. विक्रांत अच्छा जहाज बन गया है. अभी हमारे पास एक्सपर्टी और इंफ्रास्ट्रकचर हैं. तो विक्रांत जैसा ही हम कुछ बनाएंगे. जिसकी कैपेबिलिटी बड़ी हो. इसका केस को हमने आगे बढाया और प्रोसेस में है. ये एयरक्राफ़्ट बनते बनते एक और साल लगेगा. सबमरीन लेने का भी प्लान है. 6 सबमरीन इस साल कमीशन होगा. हमारे पास 24 सबमरीन होनी चाहिए. पुरानी डिकंपोज़ होती रहेगा और नई आएगी. सबमरीन के बारे में भी काम चल रहा है.
नौसेना में महिलाओं को भी मिल रहा है मौका
नौसेना प्रमुख ने कहा कि ऑल रोल ऑल रैंक को हम फॉलो करते हैं. आदमी हो औरत हो कोई भी कुछ भी कर सकता है. 30-40 साल बाद हो सकता है महिला चीफ हो. क्षमता होना बहुत ज़रूरी है. हम नहीं देखते कि आदमी है या औरत है. हमने सारे ब्रांच खोल दिए हैं. इसमें टेस्ट भी होता है ट्रेनिंग भी होती है.
हमारे नेशनल इंटरेस्ट को प्रोटेक्ट करना प्रिजर्व करना प्रमोट करना हमारा काम है. हमारा देश तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा तो हमारे ट्रेड इंगेजमेंट और बढ़ेगा. तो उसके लिए हमें प्रोटेक्शन देनी है. यहां हमारा रोल बढ़ता है. इकोनॉमी बढे़गी तो ट्रेड बढ़ेगा. ये सब शिप से ही जाएगा. इसलिए समुद्र की सुरक्षा बहुत बड़ी बात होगी. इसलिए समुद्र को सुरक्षित रखना हमारा काम है.
नौसेना में तेजी से हो रहे हैं बदलाव
नौसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पीएम ने बताया था पांच प्रण के बारे में.उसको हम फॉलो कर रहे है. कोलोनियल माइंड सेट को हटाइए और अपनी विरासत पर गर्व रखें. तो हमने कोलोनियल टर्म प्रोसेस एक्टिविटी को हटा दी. काफी कुछ हटा दिया गया है. काफी ऑफिसर डंडा कैरी करते थे उसको हमने हटा दिया है. लीडरशिप के लिए डंडे की क्या ज़रूरत है. नौसेना का फ्लैग है. इसे छत्रपति शिवाजी का राज मुद्रासे इंस्पायर होकर हमने चेंज किया है. इंडियन ड्रेस को भी हमने इंट्रोड्यूज किया है. भारतीय ड्रेस भारतीय इस्तेमाल नहीं करेंगे तो कौन करेगा.
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