ऑन लाइन से मंगाए गए मोबाइल के स्थान पर पैकेट से टाइल्स के टुकड़े निकलने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा आदेश पारित किया गया है। फोरम ने बुकिंग एजेंसी के साथ मोबाइल विक्रेता व कोरियर सर्विस के संचालक को एक माह की अवधि में मोबाइल की कीमत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही 11 हजार रु. बतौर हर्जाना अदा करने का निर्देश दिया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आनलाइन शापिंग में हुई इस हेराफेरी की के संबंध में राजनांदगांव निवासी लोकेश सिंह ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दाखिल किया था। परिवाद में बताया गया था कि 14099 रु. कीमत के रेडमी-4 मोबाइल की आनलाइन खरीदी पर 12900 रु. में मिलने की जानकारी बेवसाइट पर मिली थी। जिस पर विश्वास कर उन्होंने ई-वे इंडिया कंपनी के माध्यम से 27 मई 2017 को आर्डर बुक कराया था। जिसे एरोमेक्स इंडिया कंपनी के माध्यम से 7 जून 2017 को डिलीवरी किया गया। इस दौरान डिलीवरी ब्यॉय को 12900 का नगद भुगतान कर दिया गया था। बाद में पार्सल खोलने पर उसमें मोबाइल की जगह टाइल्स के टुकड़े निकले। जिसकी शिकायत ई-मेल से बुकिंग कंपनी को की गई थी। शिकायती पत्र के साथ पैकेट खोले जाने के दौरान कार्यालय में लगे सीसी कैमरे की रिकार्डिंग के फुटेज भी भेजे गए थे। लंबा समय बीतजाने के बाद कंपनी द्वारा समस्या का निराकरण नहीं किए जाने पर प्रकरण को उपभोक्ता फोरम के समक्ष पेश किया गया था। परिवाद में बोमाइल बुकिंग कंपनी के साथ मोबाइल विक्रेता कंपनी कृष्णा सेल्स तथा कोरियर कंपनी को भी प्रतिवादी बनाया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने मोबाइल डिलिवरी में हेराफेरी के लिए बुकिंग कपनी, विक्रेता व कोरियर कंपनी को जिम्मेदार माना। फोरम ने तीनों को एक माह की अवधि में मोबाइल के लिए वसूली गई कीमत 12900 रु. परिवाद दाखिल दिनांक से 9 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही इससे हुए मानसिक क्षति के लिए 10 हजार व वाद व्यय की राशि 1000 रु. का भुगतान करने का आदेश दिया है।