एमपी में जारी है चीतो की मौत का सिलसिला, एक सप्ताह में दो और चीतों की मौत, विदेश से लाए जाने पर पीएम मोदी ने बटोरी थी सुर्खियां

भोपाल (मध्यप्रदेश)। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक हफ्ते में दूसरे चीते सूरज की मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को तेजस की मौत हुई थी। अधिकारी मौत के सही कारण का पता लगाने की कोशिश में हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के दिन 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को जंगल में छोड़ा था। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को भारत लाए जाने पर पीएम मोदी ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। अब इन्ही चीतों का रखरखाव ठीक से नही हो पा रहा है और मौत का ग्रास बनते जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शुक्रवार को एक और मेल चीता की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जिस चीते की मौत हुई है, उसका नाम सूरज था। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक सूरज की मौत का सही कारण पता नहीं चल सका है। डॉक्टरों की टीम जांच में जुटी है। बता दें, पिछले चार महीने में पार्क में यह 8वें चीते की मौत है, जिसमें पांच वयस्क और तीन शावक चीते शामिल हैं।

अभी हाल में ही 25 जून को साउथ अफ्रीका के इस नर चीता सूरज को बड़े बाड़े से जंगल में छोड़ा गया था। लेकिन शुक्रवार को वन विभाग के कर्मचारियों को यह जंगल में मृत पाया गया। इस बात की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को लगी तो हड़कंप मच गया। मृत नर चीता सूरज का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है, उसके बाद यह स्पष्ट होगा कि आखिर इसकी मौत का क्या कारण है। मंगलवार को कूनो अभ्यारण में तेजस नामक नर चीता की मौत हुई थी। इस प्रकार से मध्यप्रदेश के कूनो अभ्यारण में चीतों की मौत का सिलसिला थमता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।

बात दें कि देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। देश में 70 साल बाद सितंबर 2022 में चीतों की वापसी हुई। साउथ अफ्रीका 12 और नामीबिया 8, कुल 20 चीते भारत लाए गए। एक मादा चीता ने चार शावकों जन्म दिया। ऐसे में उनकी संख्या 24 हो गई। इनमें से अब केवल 16 चीते ही बचे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी चीतों की मौत पर नाराजगी जाहिर कर चुका है और केंद्र को दूसरी जगह शिफ्ट करने का आदेश दे चुका है।