राज्य सरकार द्वारा लिए गए कठोर निर्णय के बाद अब चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को उनकी निवेश की गई राशि जल्द वापस मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। सरकार के निर्देश पर चिटफंड कम्पनियों के मालिकों के विरूद्ध कार्रवाई के साथ ही इन कम्पनियों से धोखाधडी के शिकार लोगों की धन वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। राज्य में अनियमित वित्तीय (चिटफंड) कम्पनियों के विरूद्ध 403 प्रकरणों दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इन मामलों में मुक्यमंत्री ने इन कंपनियों के एजेंटों व अभिकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्रकरणों को वापस लेने के निर्देश दिए है।
रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनियमित वित्तीय (चिटफंड) कम्पनियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा गई। अधिकारियों को दर्ज प्ररकणों पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्ष 2015 से अक्टूबर 2019 तक दर्ज किए प्रकरणों में छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 एवं नियम 2005 के तहत 248, ईनामी चिट और धन परिचालन स्कीम पाबंदी अधिनियम 1978 के तहत 65 और भारतीय दण्ड विधान की धारा के तहत 90 प्रकरण शामिल हैं। इन दर्ज किए गए प्रकरणों में डायरेक्टर के विरूद्ध 379, पदाधिकारियों के विरूद्ध 148 प्रकरण शामिल हैं। धन वापसी की प्रक्रिया में कुल 154 प्रकरणों में सम्पत्ति का चिन्हांकन किया गया है। इन प्रकरणों में कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। बिलासपुर सिविल लाइन में दर्ज प्रकरण में 2 लाख 80 हजार रूपए की राशि वापस कर दी गई है।