नई दिल्ली। माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से पूरे सूबे में हाई अलर्ट कर दिया गया है। यूपी में धारा-144 लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से हर दो घंटे में रिपोर्ट मांगी है। इस बीच, खबर ये भी है कि पोस्टमार्टम खत्म होते ही अतीक और अशरफ को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया जाएगा। आइए अब जानते है अतीक और अशरफ के हत्यारों के बारे में…

अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। तीनों बाइक सवार बदमाश मीडिया कर्मी बनकर आए थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों 48 घंटे से प्रयागराज में एक होटल में कमरा लेकर रूके थे।
अतीक और अशरफ को मारने वाले तीनों हमलावर अलग-अलग जिलों से आए थे। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर और सनी कासगंज का रहने वाला है। तीनों की दोस्ती जेल में हुई थी।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों हत्यारोपियों पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीनों ने पुलिस को बताया कि वह अतीक और अशरफ को मारकर माफिया बनना चाहते थे। मालूम चला है कि शूटर अरुण पर पहले से एक हत्या का मामला दर्ज है। दूसरे हत्यारोपी सनी पर 15 मामले चल रहे हैं। लवलेश पर भी पहले से मुकदमा दर्ज है।

अतीक और अशरफ की हत्या में जिगाना मेड पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है। तुर्की में बनने वाली यह पिस्टल पांच से छह लाख रुपये की आती है। भारत में इस पर प्रतिबंध है इसलिए दूसरे देशों से इसे अवैध तरीके से भारत लाया जाता है। कहा जाता है कि इस पिस्टल में एक बार में 17 गोलियां लोड होती हैं। अतीक अहमद की हत्या में भी देखा गया कि तड़ातड़ कई फायर एक साथ किए गए। कहा जा रहा है कि यह उसी मॉडल की पिस्टल है जिसका इस्तेमाल सिद्धू मूसेवाला की हत्या में किया गया था।
अतीक और अशरफ की हत्या करने हमलावर जिस बाइक से आए थे, उसके बारे में भी खुलासा हुआ है। पता चला है कि ये UP70M7337 नंबर की बाइक सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर्ड है। यह नंबर हीरो होंडा की पुरानी गाड़ी CD-100ss बाइक पर दर्ज है। जिसे तीन जुलाई 1998 को कैश देकर खरीदा गया था। बाइक कहां से लाई गई थी और किसने हत्यारों को दी, इसकी भी जांच चल रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को पहले से ही उनके घर से बेदखल किया जा चुका है। तीनों के परिजनों ने कहा है कि उनका हत्यारों से कोई लेन-देन नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस की पूछताछ में तीनों ने कहा है कि वह बड़ा माफिया बनना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। तीनों हत्यारों ने कहा कि वह कब तक छोटे-मोटे शूटर बने रहेंगे।
