अभिषेक मिश्रा हत्याकांड, विकास जैन ने कहा आईपी मिश्रा के प्रभाव में आकर पुलिस ने बनाया उन्हें मुलजिम

ट्विन सिटी के बहुचर्चित शंकरा एज्युकेशन सोसायटी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के आरोपी विकास जैन ने अदालत के सामने हत्या में उसकी भागीदारी होने से इंकार कर दिया है। उसने आरोप लगाया है कि अभिषेक के पिता आई.पी. मिश्रा के प्रभाव में आकर पुलिस ने उसे, पत्नी व चाचा ससुर के साथ मुलजिम बनाया गया है। अदालत का समय समाप्त हो जाने के कारण अन्य मुलजिमों का बयान नहीं हो सका। मामले की अगली सुनवाई तिथि 11 नवंबर निर्धारित की गई है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शंकरा एज्युकेशन सोसायटी के डायरेकटर अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर जिला अदालत में विचारण अंतिम चरण में है। गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के पश्चात अदालत में मुलजिम बयान की प्रक्रिया आज शुक्रवार से प्रारंभ हुई। इस मामले में पुलिस द्वारा विकास जैन उसकी पत्नी किम्सी कंबोज जैन तथा चाचा ससुर अजीत सिंह को आरोपी बनाया गया है। मंगलवार को मुलजिम बयान के दौरान अभियुक्त विकास जैन ने अदालत के सामने उन पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने मात्र शक के आधार पर उन्हें मुलजिम बनाया है। आरोपी विकास जैन ने स्वीकार किया कि गुमशुदगी के दिन उसकी पत्नी किम्सी की मोबाइल पर अभिषेक से बात हुई थी। उसने बताया कि किम्सी अभिषेक के संस्थान में काम करती थी और रायपुर में टेनिस टीम के लिए स्पांसरशिप को लेकर उन दोनों में बात हुई थी। इसी बातचीत को आधार बनाकर पुलिस ने उन्हें फंसा दिया है। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने यह कार्रवाई अभिषेक के पिता आईपी मिश्रा के रसूख के प्रभाव में आकर की है, जबकि उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के साक्ष्य पुलिस के पास नहीं है। उसने बताया कि पुलिस ने प्रार्थी से पहले पहचान कराई फिर कार्रवाई की। उसने इस बात से भी इंकार किया कि जिस स्थान से अभिषेक का शव बरामद हुआ था, वहां उसे ले जाया गया था और न ही उसने कोई गड्ढा खोदा था। अभियुक्त विकास जैन के बाद उसकी पत्नी किम्सी कंबोज का कथन दर्ज किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। किम्सी ने अदालत को बताया कि घटना दिन को उसकी अभिषेक से बात हुई थी और इसी आधार पर उसे मामले में मुलजिम बनाया गया है। अदालत समय समाप्त हो जाने के कारण किम्सी का बयान पूूरा नहीं हो सका। मामले की अगली सुनवाई तिथि 11 नवंबर निर्धारित की गई है। जिसमें आरोपी किम्सी का शेष तथा अजीत सिंह का मुलजिम बयान दर्ज होगा। मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बी.पी. सिंह पैरवी कर रहे है।
यह है मामला
शंकरा एज्यूकेशन सोसायटी का डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा वर्ष 2015 धनतेरस के दिन 9 नवंबर को घर से कालेज जाने निकला था और लापता हो गया था। जिसके बाद स्मृति नगर स्थित एक मकान के गार्डन से अभिषेक का शव पुलिस ने बरामद किया था। पुलिस ने इस मामले में अभिषेक की कर्मचारी किम्सी कंबोज जैन के साथ उसके पति विकास जैन व चाचा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। स्मृति नगर में जिस मकान के गार्डन से अभिषेक का दफन शव बरामद किया गया था, वहीं अजीत सिंह किराए से रह रहा था। अभिषेक के लापता होने के दूसरे दिन 10 नवंबर 2015 को उसके पिता आईपी मिश्रा को मोबाइल पर धमकी भरा फोन आया था, जिसमें फोन करने वालें ने लाल सलाम बोल कर स्वयं को नक्सली बताने का प्रयास किया था। 22 दिसंबर 2015 को अभिषेक के जीजा निशांत त्रिपाठी ने फिरौती के लिए अभिषेक का अपहरण किए जाने की आशंका जाहिर करते हुए पुलगांव थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस द्वारा विकास जैन के साथ उसकी पत्नी किम्सी कंबोज जैन तथा चाचा ससुर अजीत सिंह के खिलाफ 302, 201, 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।