आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप में रूस और बेलारूस के मुक्केबाज अपने-अपने देशों के झंडे के साथ खेल रहे हैं। इन दोनों देशों के खिलाड़ियों पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं। पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज, प्रतीकों के इस्तेमाल और राष्ट्रगान गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। यूक्रेन पर हमला करने में बेलारूस भी रूस की मदद कर रहा है।
आईओसी के प्रतिबंध के बाद इन दोनों देशों के खिलाफ किसी टूर्नामेंट में भाग तो ले सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने देश के झंडो का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। हालांकि, रूसी उमर क्रेमलेव के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने पिछले अक्तूबर में रूस और बेलारूस पर प्रतिबंध हटा दिया था। इसके बाद आईओसी की सिफारिश के बावजूद दोनों देशों के खिलाड़ियों को अपने देश के झंडे के साथ भाग लेने की अनुमति मिली।बेलारूस की यूलिया अपानासोविच (52 किग्रा) और रूस की एडमा अन्ना (52 किग्रा) प्रतियोगिता के पहले दिन एक्शन में नजर आईं। रूस के अल्ताई क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली फ्लाइवेट मुक्केबाज एडमा अन्ना ने कहा, “मैं यहां अपने देश के लिए प्रतिस्पर्धा करने पर वास्तव में गर्व महसूस कर रही हूं। मुझे गर्व है कि मैं रूस से हूं।””हमें पिछले साल प्रतिस्पर्धा करने का अवसर नहीं मिला था। हमारे देश और हमारे एथलीटों के लिए विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने का अवसर होना बहुत महत्वपूर्ण है।” रूस और बेलारूस के एथलीटों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने के आईबीए के फैसले के चलते संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और आयरलैंड सहित 10 से अधिक देशों को इस टूर्नामेंट का बहिष्कार किया है।केडी जाधव इंडोर हॉल में हो रहे टूर्नामेंट में रूस के 12 मुक्केबाज और बेलारूस के छह मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं। टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में रूसी और बेलारूसी झंडे भी लहराए गए, जिसमें क्रेमलेव और रूसी खेल मंत्री ओलेग मैटिसिन ने भाग लिया।इसके अतिरिक्त, रूसी ऊर्जा कंपनी गजप्रोम IBA की सबसे बड़ी प्रायोजक है, जिसे आईओसी ने 2019 से चल रही शासन संबंधी चिंताओं के कारण निलंबित कर दिया है। गजप्रोम ने इस टूर्नामेंट में 20 करोड़ रुपये का पुरस्कार पूल भी प्रायोजित किया गया है।