ससुर के सिर पर मारा लोहे का तवा, मौत, दामाद को मिली 10 साल की कैद

ससुर की लोहे का तवा मारकर हत्या करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष के कारावास दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। आरोपी का खाना देने को लेकर अपनी पत्नी से विवाद हो रहा था, इसी दौरान ससुर बीच बचाव के लिए आया था। प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी की अदालत में विचारण किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक आदित्य ताम्रकार ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घटना भिलाई कैंप-1 में 25 नवंबर 2016 की रात घटित हुई थी। कैंप 1 निवासी रवि सिंग उर्फ बिट्ठल उर्फ कान्हा रात में घर पहुंचा था। घर में उसका अपनी पत्नी के साथ खाना देने के लेकर विवाद और मारपीट हो गई थी। विवाद के दौरान मौके पर मौजूद ससुर हरजिन्दर सिंग बीच बचाव के लिए आया, जिस पर रवि ने उस पर लोहे के तवे से वार कर दिया। वहीं मारपीट की इस घटना में रवि की 2 साल की बेटी परी तथा पत्नी प्रिया कौर को भी चोटे आई थी। लोहे के तवे से सीने और सिर पर आई चोट के कारण घायल हरजिन्दर सिंग को उपचार के लिए रायपुर के मेकहारा अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां 25 नवंबर 2016 को उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में छावनी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या व मारपीट की धाराओं 302, 323 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय में पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी के कृत्य को हरजिन्दर की मौत के लिए जिम्मेदार माना। न्यायाधीश ने आरोपी को दफा 302 के स्थान पर दफा 304 (1) के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास से तथा मां बेटी के साथ मारपीट करने के आरोप में दफा 323 के तहत 1-1 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है।