आरक्षण पर बिलासपुर हाइकोर्ट ने जारी किया शुद्धिपत्र : 114 पदों पर भर्ती के लिए 16%-20%-14% का फॉर्मुला होगा लागू

बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक प्रशासनिक आदेश में शुद्धिपत्र जारी किया। इसके जरिए हाईकोर्ट में 114 पदों पर भर्ती के लिए अनुसूचित जाति को 16%, अनुसूचित जनजाति को 20% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण का फॉर्मुला लागू कर दिया। वहीं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश से आरक्षण के अनुपात पर घमासान जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन जनवरी को रायपुर के जन अधिकार महारैली में कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ में आरक्षण शून्य हो गया है। यानी किसी वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता। ठीक उसी दिन यह शुद्धिपत्र हाइकोर्ट ने जारी किया है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जुलाई 2021 में एक विज्ञापन प्रकाशित किया था। इसके जरिए कार ड्राइवर, लिफ्ट मैन और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की भर्ती की जानी थी। यह विज्ञापन निकालते समय हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि इसमें आरक्षित पदों पर नियुक्ति आरक्षण मामले पर विचाराधीन याचिका WPC NO. 591/2012 के फैसले के अधीन होगी। उच्च न्यायालय ने 19 सितम्बर को इस मामले में फैसला सुनाते हुए 58% आरक्षण को असंवैधानिक बताकर रद्द कर दिया।

अब उस आदेश के परिपालन में 2012 में आरक्षण के प्रावधानों में संशोधन के पूर्व लागू 50% की सीमा वाले आरक्षण प्रावधानों से यह अनुपात लागू होगा। इस फॉर्मुले से अनुसूचित जाति को 16%, अनुसूचित जनजाति को 20% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण मिलना है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसी फॉर्मूले के आधार पर MBBS और MD-MS की कक्षाओं में प्रवेश दिया है। हाईकोर्ट के इस प्रशासनिक आदेश ने राज्य सरकार की भर्तियों और स्कूल-कॉलेज में दाखिले में सरकार के रुख को उलझा दिया है।