प्यार और शादी का झांसा देकर नाबालिग का दैहिक शोषण फिर शादी से इंकार, आरोपी युवक को मिला 10 वर्ष कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शादी का झांसा देकर किशोरी का दैहिक शोषण करने वाले आरोपी युवक के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में फैसला सुनाया गया है। मामले के अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश संगीता नवीन तिवारी की आदालत में आज सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी। आरोपी युवक द्वारा किशोरी से शादी करने इंकार किए जाने के बाद दैहिक शोषण की जानकारी का खुलासा हुआ था।

मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है। आरोपी युवक सरनजीत सिंह उर्फ विक्की (27 वर्ष) ने 16 साल की किशोरी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था। नाबालिग किशोरी से शादी का वादा कर अपने दोस्त के घर ले गया और पहली बार 12 मार्च 2017 को शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद प्रायः यह सिलसिला लगभग डेढ़ साल तक चलता रहा। बालिग होने पर किशोरी ने युवक पर शादी के लिए दबाव बनाने लगी। जिस पर 9 नवंबर 2018 को विक्की किशोरी को आर्य समाज मंदिर ले गया और वहां शादी का फार्म भरवाया। 10 नवंबर 2018 को किशोरी अपने परिवार के सदस्यों के साथ शादी के उद्देश्य से मायके पहुंची तो युवक ने शादी करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद दैहिक शोषण की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई।

शिकायत व किशोरी के डाक्टरी मुलाहिजे के बाद पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने अभियुक्त सरनजीत सिंह (27 वर्ष) को दोषी करार दिया। अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया है।