पुरानी पेंशन योजना में केंद्र के रवैये से रोड़ा बरकरार, सीएम बघेल ने अधिकारियों को दिए रास्ता निकालने के निर्देश

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश में घोषित पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को भुगतान में रोडा बरकरार है। यह स्थिति केंद्र सरकार द्वारा राज्य के कर्मचारियों की जमा अंशदान राशि को वापस किए जाने से लगातार इंकार किए जाने से बनी है। केंद्र के पास जमा अंशदान की राशि की जरूरत राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों को पेंशन भुगतान के लिए पड़ेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त विभाग के अधिकारियों को कहा है कि वे कर्मचारी संगठन से बात कर इसका रास्ता निकालें।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां कहा कि यह पैसा विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों का है। उसमें राज्य का अंशदान है। भारत सरकार का इसमें एक पैसा भी नहीं है। केंद्रीय कर्मचारियों का पैसा उनके पास लेकिन यह जो पैसा है वह राज्य के कर्मचारियों का है, राज्य के अंशदान का है। इसके लिए हम लगातार मांग कर रहे हैं और केंद्र सरकार का इसमें नकारात्मक रवैया है। इसके लिए कल ही मैंने अधिकारियों को कहा है कि कर्मचारी संगठन के साथ बैठक करें और इसका क्या रास्ता निकल सकता है उस पर विचार-विमर्श करे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बता दें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा आदि का हवाला देकर 9 मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा की थी। उससे पहले राजस्थान सरकार यह योजना लागू कर चुकी थी। बाद में इस योजना को राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर दिया गया। इसी के साथ नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन हो रही 10% की कटौती भी बंद हो गई। सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार मूल वेतन की कम से कम 12% राशि सामान्य भविष्य निधि-GPFके लिए काटी जाने लगी। राज्य सरकार ने GPF खातों के ऑडिट का नियंत्रण भी महालेखाकार कार्यालय से वापस लेकर वित्त विभाग को दे दिया।