गौरेला पेंड्रा मरवाही (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 10 फरवरी 2020 को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का गठन कर जिले वासियों को बड़ी सौगात दी है। जो काम आजादी के 75 वर्षाे बाद नही हुई थी, वो जिला बनने के महज लगभग 3 साल में पूर्ण हो गया। आगामी 10 फरवरी को जीपीएम जिले के गठन का तीन वर्ष पूरा होगा। इस अवधि में जिले में अधोसंरचना विकास के साथ ही सामाजिक क्षेत्रों में भी तेजी से कार्य हो रहे है। जीपीएम आदिवासी बाहुल्य वनांचल जिला है। दुर्गम वन बाधित क्षेत्र एवं भौगोलिक तटस्थता के कारण यहाँ बिजली के पोल नहीं लगाये जा सकते थे। इससे निपटने छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा स्थापित सोलर हाई मास्ट संयंत्र के माध्यम से दूरस्थ वनांचल गांवों के 110 आदिवासी परिवारों के घर जगमगा रहे हैं।
क्रेडा द्वारा स्थापित प्रत्येक सोलर होम लाईट संयंत्र में 200 वॉट क्षमता के मॉड्यूल में 5 नग एल.ई.डी. ल्यूमिनर, 1 नग डीसी पंखा एवं मोबाइल चार्जर पोर्ट शामिल है। सोलर होम लाईट संयंत्र स्थापित होने से ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सुधार हुआ है। अब लोग अपने घरों में लाईट एवं पंखे की सुविधा ले सकते है। आदिवासी परिवार के बच्चों को रात में पढ़ने के लिए केरोसिन से चिमन-दीया नहीं जलाना पडे़गा।
साथ ही रात में उजाला होने से जंगली जानवरों से सुरक्षित रहेेंगे। इनमें तवाडबरा (राजमेरगढ), आमाडोब, डुंगरा, ठाडपथरा, जोगीसार, बनझोरका, ललाती, अण्डी, पूटा, कोटमीखुर्द आदि गांवों के मजराटोला-बसाहटों में निवासरत अनुसूचित जनजाति एवं बैगा जनजाति के परिवार शामिल है।