कांकेर (छत्तीसगढ़)। भानुप्रतापपुर उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को दुर्गुकोंदल और चारामा की सभाओं में भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भाजपा की कथनी और करनी में स्पष्ट अंतर होने का हवाला देते हुए कहा कि इनका (भाजपा) का काम सिर्फ हल्ला मचाना है। वास्तविकता राम नाप जपना पराया माल अपना की है। उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए कहा कि भाजपा के लोग कभी नहीं चाहते थे कि आरक्षण मिले। हमारी सरकार कल आदिवासी समाज का 32%, अनुसूचित जाति को 13%, अन्य पिछड़ा वर्गों को 27% और अपर क्लास के गरीबों को 4% आरक्षण देने का कानून विधानसभा में पारित करने जा रही है। इस दौरान उन्होंने प्रत्याशी सावित्री मंडावी के साथ रोड़ शो भी किया
सभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा 2004 से इनकी सरकार थी लेकिन 32% आरक्षण 2012 में लागू हुआ। आठ साल ये लोग क्यों लागू नहीं किए। हम लोग तो आरक्षण देते रहे हैं। उन्हीं लोगों की करनी है। उल्टा-सीधा करने से कोर्ट में खड़े नहीं हुए। उसकी वजह से वह निरस्त हो गया। आज हम लोग उसका कानून बनाने का काम कर रहे हैं। एक्ट लागू करने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, न केवल आदिवासी समाज का 32% आरक्षण किया गया है, अन्य पिछड़ा वर्गों को भी 27% आरक्षण देंगे। रमन सिंह ओबीसी में 14% से कभी आगे नहीं बढ़ पाए। हमारी सरकार उनके लिए 27% आरक्षण लागू करने जा रही है। अनुसूचित जाति को 13% और अपर क्लास के गरीबों को भी 4% आरक्षण मिलेगा। आज भाजपा के लोग आरक्षण का मुद्दा उठा रहे हैं। यह भाजपा का ही पाप है। ठीक ढंग से कानून बनाए होते तो आज यह स्थिति नहीं आती। लेकिन कांग्रेस वह पार्टी है जिसने संविधान लागू किया है। संविधान में आदिवासी और अनुसूचित जाति के लिए जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की बात है। मंडल आयोग ने पिछड़ा वर्गों के लिए 27% आरक्षण की बात कही है। अभी केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किया है। कल छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन होने वाला है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, उनकी सरकार आम लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रही है। एक तरफ ऐसी सरकार है। दूसरी तरफ भाजपा है। आपको याद होगा कि उन्हीं के समय झीरम कांड हुआ था। इन्हीं के समय में कांकेर का झलियामारी कांड हुआ था। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ दुराचार हुआ था। आज उन लोगों ने एक बलात्कारी को प्रत्याशी बनाकर रखा है। उसके बाद भी उन्हें लाज-शर्म नहीं आ रही है।