मासूम बालिका के साथ अनाचार का प्रयास किए जाने के दो साल पुराने मामले में अदालत द्वारा फैसला सुनाया गया। पीडि़ता मात्र दो वर्ष की थी और रिश्तें में आरोपी की ममेरी बहन थी। इस मामले में आरोपी को विशेष न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने 15 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मासूम के साथ अनाचार का प्रयास किए जाने का यह मामला अंजोरा पुलिस चौकी का है। आरोपी जितेन्द्र देशमुख (30 वर्ष) का पीडि़ता के घर लगातार आना जाना था। पीडि़ता का पिता रिश्ते में उसका मामा लगता था। 11 नवंबर 2017 की दोपहर 3 बजे जितेन्द्र पीडि़ता के घर पहुंचा था। घर में 2 वर्ष की पीडि़ता और उसका भाई (6 वर्ष) अकेले थे। आरोपी मासूम को अपने साथ लेकर गांव की सीमा पर स्थित खेत ले गया। जहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास करने लगा, जिससे दहशतजदा मासूम रोने लगी। इससे घबरा कर आरोपी मासूम को मौके पर ही छोड़ कर भाग गया। दूसरी ओर मासूम के घर से लापता होने पर परिजन उसकी तलाश में जुट गए। इसी दौरान ग्रामीणों से उन्हें जितेन्द्र द्वारा मासूम को लेकर खेत की ओर जाने की जानकारी मिली। परिजनों को खेत में मासूम अर्धनग्न अवस्था में बदहवास मिली। अनहोनी की आशंका से परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी जितेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ अपहरण, अनाचार का प्रयास व पॉक्सों एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
गवाहों ने दिलाई आरोपी को सजा
प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी की अदालत में विचारण किया गया। मामले में मासूम के साथ अनाचार का प्रयास किए जाने का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं था। वहीं पीडि़ता के मात्र 2 वर्ष का होने के कारण उसका कलमबद्ध बयान भी दर्ज नहीं कराया जा सका था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पीडि़ता की बुआ, मां, पिता सहित कुल 10 गवाह प्रस्तुत किए थे। सभी गवाहों ने आरोपी जितेन्द्र द्वारा मासूम का बुरी नीयत से अपहरण करने और खेत में ले जाकर उसके साथ अनाचार का प्रयास करने के आरोप का समर्थन किया। जिसके आधार पर न्यायाधीश द्वारा आरोपी को दोषी करार दिया गया।
मिला 15 साल का कठोर कारावास
विचारण पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी को अपहरण की धारा 363 के तहत 5 वर्ष के कारावास, अश्लील शारीरिक छेडख़ानी की धारा 354 के तहत 5 वर्ष कारावास तथा पॉक्सों एक्ट की धारा 8 केे तहत 5 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। आरोपी पर 1500 रु. का अर्थदंड भी आरोपित किया गया है।