छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार के मेघावी बच्चों को अब डीजीपी मेरिट स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ पुलिस केन्द्रीय कल्याण समिति एवं संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए न्यूनतम ब्याज दर पर पुलिस कर्मचारियों को ऋण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी बैठक में पारित किया गया।
रायपुर (छत्तीसगढ़)। पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी की अध्यक्षता में सोमवार को छत्तीसगढ़ पुलिस केन्द्रीय कल्याण समिति एवं संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक में पुलिस परिवार के मेधावी छात्रों के लिए डी.जी.पी. मेरिट स्कॉलरशीप प्रदान किये जाने की प्रस्ताव पारित किया गया। जिसके तहत 10 वीं बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वालो छात्र-छात्राओं को रूपये 1500/- से 2000/- तक प्रतिमाह, कक्षा 12 वीं में 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर स्नातक स्तर के शिक्षा अध्ययन के लिए रूपये 3000/- प्रतिमाह और स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त करने हेतु भारत के किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई करने पर रूपये 5000/- प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस परिवार का उत्थान और विकास कैसे हो जैसे प्रस्तावों पर विचार किया जाना चाहिए। पुलिस की नौकरी तभी सार्थक होगी जब पुलिस कर्मचारी-अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के पूर्व उनके बच्चे उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त कर ले। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को समान रूप से पदोन्नति मिले इसके लिए अति. पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा की अध्यक्षता में एस.ओ.पी. तैयार करने हेतु समिति का गठन कर दिया गया है। जिससे सभी पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर प्राप्त होंगे।
इसके अलाव बैठक में पुलिस विभाग के मेधावी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए न्यूनतम ब्याज दर पर पुलिस कर्मचारियों को ऋण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। संकट निधि में अधिकारी-कर्मचारी को पूर्ण सेवाकाल में डेढ़-डेढ़ लाख रूपये दो बार सहायता राशि प्राप्त कर सकेंगे। प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर पुलिस ट्रांजिस्ट मेस तैयार किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में विभिन्न इकाइयों से प्राप्त प्रस्तावों पर बिन्दुवार चर्चा करते हुए वेतन भत्ता, आवास भत्ता, यात्रा भत्ता, चिकित्सा भत्ता जैसे प्रस्तावों पर शासन स्तर पर निर्णय लिये जाने के लिए पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।