चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर भ्रम फैला रहे अमित, ज्योतिरादित्य को भेजेंगे नोटिस : लक्ष्मण चंद्राकर

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पूर्व साडा अध्यक्ष लक्ष्मण चंद्राकर ने आरोप लगाया है अमित चंद्राकर द्वारा चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर भ्रम फैलाया जा रहा है। जिससे पूर्व सांसद चंदूलाल चंद्राकर की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने अमित को अपने नाम के साथ चंदूलाल के नाम का उपयोग किए जाने पर आपत्ति जाहिर की है। साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दामाद के मेडिकल कालेज को भूपेश सरकार द्वारा अधिग्रहित किए जाने संबंधी आरोप को चुनौती दी है।

पूर्व साडा अध्यक्ष लक्ष्मण चंद्राकर ने यहां आयोजित पत्रवार्ता में बताया कि अमित चंद्राकर वास्तव में चंदूलाल चंद्राकर के भाई चुन्नीलाल चंद्राकर के पोत्र है। चंदूलाल चंद्राकर अविवाहित थे और संत प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। हमारे छत्तीसगढ़ समाज में विरले लोग ही अपने नाम के साथ पिता का नाम लगाते हैं। लेकिन अमित चंद्राकर राजनैतिक स्वार्थ के लिए स्व. चंदूलाल चंद्राकर का नाम अपने नाम के साथ जोड़ कर उनकी छवि को धूमिल कर रहे हैं। साथ ही इससे भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है। जिससे यह जनधारणा भी बन रही है कि चंदूलाल चंद्राकर विवाहित थे। उन्होंने बताया कि इस संबंध पारिवारिक स्तर पर अमित को समझाइश देने का प्रयास किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जिस पर कानूनी कदम उठाए जाने पर विचार किया जा रहा है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान दुर्ग निगम सभापति राजेश यादव भी उपस्थित थे।
ज्योतिरादित्य को भेजेंगे मानहानि का नोटिस
पत्रकारों से चर्चा के दौरान लक्ष्मण चंद्राकर ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के उस बयान को चुनौती दी है। जिसमें सिंधिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाया है कि अपने दामाद के निजी मेडिकल कालेज को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। विवादों में घिरे दामाद के इस मेडिकल कॉलेज को सरकारी कोष से खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर लक्ष्मण चंद्राकर ने बताया कि चंदूलाल चंद्राकर स्मृति मेडिकल कॉलेज से भूपेश बघेल के दामाद क्षितिज चंद्राकर का कोई भी लेना-देना नहीं है। न ही वह या उनके पिता विजय चंद्राकर की इस अस्पताल में हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि यदि ज्योतिरादित्य मेडिकल कालेज का संबंध क्षितिज चंद्राकर से साबित कर देते हैं तो वे राजनीति छोड़ देंगें और यदि नहीं करते सकते तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। अन्यथा की स्थिति में उन्होंने इस मुद्दे को लेकर विधि विशेषज्ञों से परामर्श पश्चात ज्योतिरादित्य सिंधिया को मानहानि का नोटिस भेजे जाने की बात कही है।