महिला दिवस पर छत्तीसगढ़ की बेटी ने रचा इतिहास, फतह की अफ्रिका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो

रायपुर (छत्तीसगढ़)। कहते हैं कि हौसला बड़ा हो तो कोई मंजिल ऊंची नहीं रहती। इसे छत्तीसगढ़ की बेटी और जांजगीर-चांपा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अमिता श्रीवास ने साबित कर दिखाया है। उन्होंने 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण का मिशन लेकर अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह किया। तंजानिया स्थित किलिमंजारो की 5895 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचने के बाद उन्होंने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का भी संदेश दिया। अमिता की उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिय़ा ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

पर्वतारोहण कर ऊंचाईयां फतह करने का अमिता सपना आसान नहीं था। पर कहते है कि सपने हमेशा बड़े देखना चाहिए, तभी हम उसे हासिल कर सकते हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत अमिता ने बड़े सपने देखे और अपने हौसलों से उसे पूरा किया। उनका किलिमंजारो का पर्वतारोहण का अभियान 4 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे आरंभ हुआ। 5 दिन की चढ़ाई के बाद अमिता 8 मार्च को सुबह 7:45 बजे चोटी के शिखर पहुंची। शिखर पर पहुंचने के बाद उन्होंने वहां भारत का झण्डा फहराया और अपनी उपलब्धि के लिए सहयोगियों को याद किया। आगे उनकी इच्छा एवरेस्ट फतह करने की है।
उनकी इस हिम्मत को छत्तीसगढ़ शासन का पूरा सहयोग मिला। जिला प्रशासन द्वारा सीएसआर मद से छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कम्पनी के अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र मड़वा जांजगीर-चाम्पा यूनिट के सहयोग से 2 लाख 70 हजार रूपए पर्वतारोहण के लिए प्रदान किया गया। अमिता ने इस अभियान में सहयोग व प्रोत्साहन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सहित शिवरीनारायण मठ के मठाधीश व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त डॉ महंत रामसुंदर दास का आभार व्यक्त किया है।
निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी अमिता राष्ट्रीय स्तर पर अन्य खेलों में भी अपना लोहा मनवा चुकी हैं। अमिता को पर्वतारोहण की प्रेरणा राज्य के एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही राहुल गुप्ता से मिली। अमिता विगत 3 वर्षो से राहुल गुप्ता से मार्गदर्शन में पर्वतारोहण की गुर सीख रही है। उन्होंने बताया कि वो बचपन से ही खेल के क्षेत्र में अव्वल रही हंै। उनकी पर्वतारोहरण में रूचि को उनके पिता जैतराम श्रीवास और मां रतियावन श्रीवास ने भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने विवेकानंद माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट माउंट आबू से वर्ष 2018 में रॉक क्लाइंबिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसके बाद उन्होंने 2019 में उत्तरी सिक्किम में 18 हजार फीट व पश्चिमी सिक्किम में 17 हजार 600 फीट की उंचाई फतह की। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय समस्त महिला समाज को दिया है, जो यथा संभव राज्य की प्रगति और विकास में अपना योगदान दे रही हंै।

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