अवैध प्लाटिंग के खिलाफ प्रशासन ने प्रारंभ की कार्रवाई, अम्लेश्वर में की गई बेदखली

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पाटन तहसील के ग्राम अम्लेश्वर क्षेत्र में जारी अवैध प्लाटिंग के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई प्रारंभ की गई है। यहां बिना अनुमति के कटिंग किए जा रहे प्लाटों व मार्गो को हटाने की कार्रवाई प्रशासनिक अमले द्वारा की गई। संयुक्त रुप से की गई इस कार्रवाई में टाउन प्लानिंग विभाग के साथ राजस्व अमला शामिल था।

बता दें कि जिले में धडल्ले से जारी अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन सवालों के घेरे में था। प्रशासन पर इस प्रकार की प्लाटिंग के खिलाफ अब तक महज संबंधितों के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने व अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना किए जाने तक ही सीमित रही है।
गुरुवार को ग्राम अमलेश्वर के टाउन प्लानिंग विभाग व राजस्व अमले द्वारा विकिसित की जा रही अवैध कालोनियों पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई की गई। जिसमें कल्पतरू बिल्डर्स एण्ड डेव्हलपर्स तथा ग्राम अमलेश्वर के खुड़मुड़ा रोड में रूपराम साहू एवं अन्य, रामनारायण पिता समर सिंह यादव एवं अन्य 6, अलख पिता मुकुन्द साहू एवं अन्य, श्याम रतन पिता प्यारेेलाल राउत एवं चन्द्रमोहन यादव पिता बंशी लाल एवं अन्य 4 द्वारा विकसित की जा रही कालोनी के कार्रवाई को रोका गया। संबंधितों द्वारा अवैध कालोनियों का खसरा क्र. 946, 945, 736(1), 735(2), 738 (1), 918(1), 920(1), 878(1), 920(3), 918(2), 920(2) में किये गए अप्राधिकृत विकास किया जा रहा था। प्रशासनिक अमले ने छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के तहत् संयुक्त रूप से की गई अधोसंरचना को हटाने की कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान नगर तथा ग्राम निवेश के प्रभारी संयुक्त संचालक विमल बगवैया, सहायक संचालक प्रतीक दीक्षित, पाटन नायब तहसीलदार आलोक वर्मा के साथ पटवारी मनोज कुमार रस्तोगी, अश्वनी वर्मा आदि उपस्थित थे।
प्रशासन ने दावा किया है कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशानुसार दुर्ग जिले में अप्राधिकृत विकास व अवैध कालोनियों के विकास को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से कार्यालय संयुक्त संचालकए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग दुर्ग एवं राजस्व विभाग दुर्ग के द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलया जा रहा है। दुर्ग-भिलाई विकास योजना क्षेत्र में शामिल ग्राम अमलेश्वर में छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के तहत अभिन्यास का अनुमोदन किये बगैर तथा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत अधिनियम 1993-छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत नियम 1999 संशोधन 2015 के तहत नियमानुसार कालोनाईजर का रजिस्ट्रेशन किये बगैर कतिपय व्यक्तियों के द्वारा कालोनी की स्थापना के उद्देश्य से भूमि का उपविभाजन एवं मार्गो का निर्माण कर अप्राधिकृत विकास किया गया है। जिसे हटाये जाने हेतु चिन्हांकित किया गया है।