श्री सत्तीचौरा मां दुर्गा मंदिर में इस वर्ष भी स्थापित होंगे ज्योति कलश, विराजेगी अष्ट भुजाधारी मां दुर्गा की प्रतिमा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी क्वांर नवरात्र पर्व पर गंजपारा स्थित सिद्धपीठ श्री सत्तीचौरा मां दुर्गा मंदिर में ज्योति कलश की स्थापना की जाएगी। जिसकी बुकिंग मंदिर परिसर में की जा रही है। बता दें कि सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर में प्रतिवर्ष लगभग 400 से 500 ज्योति कलश की स्थापना की जाती है।
समित्ति के सदस्य सुरेश गुप्ता ने बताया कि सत्तीचौरा दुर्ग में क्वांर नवरात्र पर्व के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 18 भुजा की मां दुर्गा जी मूर्ति स्थापित की जावेगी। शासन के नियम एवं सभी के स्वास्थ का ध्यान रखते हुए समित्ति द्वारा इस वर्ष की प्रकार की झांकी या स्थल सजावट नही रखने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रतिदिन माता जी का अभिषेक पूजन एवं आरती होगी। कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष किसी प्रकार की विशेष कोई विशेष साज सज्जा भी नही की जावेगी।
सामाजिक एवं धार्मिक कार्यकर्ता बंटी शर्मा ने बताया कि इस वर्ष क्वांर नवरात्र पर्व 17 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जनता से अपील की है कि इस वर्ष चैत्र नवरात्र पर्व पर अनावश्यक भीड़ न करते हुए आम नागरिक अपने अपने वार्ड, मोहल्ले, एवं शहरों में स्थापित मंदिरों में अधिक से अधिक ज्योति कलश जलाये। छोटी छोटी बस्ती, वार्ड या शहर में भीड़ इकठ्टा ना करते हुए मात्र 2 लोग मिलकर पंडित या आचार्य की उपस्थिति में छोटे छोटे हवन, यज्ञ करे। हवन कुण्ड में विशेष समिधा, कपूर, लॉग, औषधी, डालकर स्वास्थ्य की सुरक्षा करने एवं विषैले कीटाणुओं का नाश करने की प्रार्थना करें। ताकि हवन में जल रही विशेष समिधा, कपूर, औषधी से आस-पास का दूषित वातावरण हट जाये। इसके साथ साथ मंदिरों में आयोजकों द्वारा मास्क वितरण हो और मंदिर परिसर के बाहर एवं अंदर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये, सभी मंदिरों एवं आयोजनों में सेनेटाइजर से हाथ धुलाने के पश्चात ही मंदिर में प्रवेश दिया जावें, पूरे प्रदेश में सरकार द्वारा नगर निगम, जिला पंचायत, नगर पालिका के माध्यम से छोटे बडे सभी मंदिरों के आस-पास सेनेटाइजर का छिड़काव कराया जाना चाहिए, ज्योति कलश जलाने एवं कपूर से आरती करने के लिए भीड़ की आवश्यकता नही है सिर्फ आचार्य, पंडितो के के माध्यम से यह कार्य करवाये, अनावश्यक भीड़ इकठ्टा न करें।