दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोना संक्रमण के नियंत्रण और रोकथाम के लिए अब हर घर का सर्वे कर हाई रिस्क ग्रुप और लक्षण वाले मरीजों की पहचान की जाएगी। कलक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने 5 से 11 अक्टूबर तक सामुदायिक सर्वे के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य शत-प्रतिशत घरों का सर्वे करना है। कलक्टर ने बताया कि लक्षणों की जानकारी मिलते ही त्वरित सैम्पल लेकर जांच कराई जाएगी। सही समय पर बीमारी की पहचान होने से इलाज में आसानी होगी और जल्दी रिकवर हो पाएंगे। सही समय पर जांच न होने से बीमारी विकराल रूप ले लेती है और मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। कोविड से मृत्यु रोकने के लिए सही समय और जांच और इलाज अनिवार्य है।
इन लक्षणों पर रखी जाएगी नजर
यदि किसी को भी सर्दी, खाँसी, बुखार, शरीर मे दर्द, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी, दस्त, स्वाद व सूंघने की शक्ति में कमी हो तो ये कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने पर तत्काल नजदीकी फीवर क्लिनिक में जाकर जांच कराएं और कंट्रोल रूम के नम्बरों पर सम्पर्क करें।
संदिग्ध के 24 घंटे के अंदर लिए जाएंगे सैम्पल
जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की पहचान के लिए 5 से 11 अक्टूबर तक सामुदायिक सर्वे अभियान चलाया जाएगा। हमारी मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं-सहायिकाएं, नगर निगम के अमले, स्वास्थ्य कर्मी शत-प्रतिशत घरों का सर्वे करेंगे। लक्षण की पहचान होते ही 24 घन्टे के अंदर सैम्पल लिए जाएंगे। सबसे पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाएगा यदि लक्षण के बाद भी टेस्ट नेगेटिव है तो आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जाएगा। परंतु यदि रैपिड टेस्ट पॉजिटिव है तो आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं होगा। सर्वे टीम को पूरी सावधानी के साथ सर्वे करना है। मास्क का उपयोग करना है सोशल डिस्टेंसिंग रखनी है और बार-बार साबुन से हाथ धोना है। इसके अलावा टीम हर घर के सर्वे के बाद लोगों को नजदीकी फीवर क्लिनिक और कंट्रोल रूम की भी जानकारी लोगों को देगी ताकि आपात स्थिति में संपर्क किया जा सके।