दुर्ग (छत्तीसगढ़)। टमाटर के पैदावार में धमधा पूरे प्रदेश में अव्वल है। यहां के टमाटर की सप्लाई पूरे देश में होती है। जल्द ही अब वेजिटेबल और फ्रूट के खेती से भी यहां की पहचान होगी। उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने धमधा के राजपुर के शासकीय बीज प्रगुणन में 5 करोड़ 81 लाख 62 हजार से प्लग टाइप वेजिटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट बनाया गया है। शनिवार को मंत्री रविंद्र चौबे ने इस यूनिट का लोकार्पण किया। यूनिट में हर माह 10 लाख पौधे तैयार किए जा सकेंगे।
यूनिट का लोकार्पण करते हुए मंत्री ने कहा कि देश भर में धमधा का टमाटर जा रहा है। अभी भी यहां से काफी टमाटर सप्लाई हो रही है। जिला उद्यानिकी फसलों की खेती के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है।यहां के कृषक परंपरागत खेती से लेकर उच्चस्तरीय वैज्ञानिक पद्धति से उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे हैं। जिले में मुख्य रूप से टमाटर, बैगन, मिर्च, शिमला मिर्च, गोभी वर्गीय तथा केला, पपीता, अमरूद, एप्पल बेर की खेती प्रमुखता से किया जा रहा है। यूनिट की स्थापना होने से कृषकों को उच्च गुणवत्ता के पौधे प्राप्त होंगे। इससे तैयार पौधे कीट, बीमारी व व्याधियों से मुक्त होंगे। बीज की बचत होगी। किसानों को हर मौसम में गुणवत्ता युक्त पौधे उपलब्ध कराया जा सकेगा। मंत्री ने कहा कि यहाँ सोसाइटी जल्द आरम्भ होगी। इससे रोजगार की संभावना बढ़ेगी। यदि फलोद्यान ज्यादा से ज्यादा लगाएंगे तो आमदनी भी उसी अनुपात में बढ़ेगी। यह नर्सरी किसानों के लिए बहुत उपयोगी होगी।
बढ़ेगी किसानों की आमदनी
इस तकनीक की खासबात यह है कि नर्सरी में पौधे उखाड़ते समय पौधों की जड़े टुटती नहीं है, साथ ही कम समय में पौधे तैयार हो जाते हैं। इसके अलावा सभी पौधों की बढ़वार एक समान होती है, सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि होती है। इससे कृषक समुचित समय पर पौधों की रोपाई कर सकेंगे। मंत्री ने कहा कि इससे कृषकों के आर्थिक स्थिति में इजाफा होगा।
बेमेतरा, कबीरधाम व राजनांदगांव को भी फायदा
मंत्री ने बताया इकाई की स्थापना होने से फल, सब्जी, मसाला वं पुष्प वाली फसलों के सीडलिंग (थरहा) उच्च तकनीकी से तैयार किया जा सकेगा। यहां प्रतिमाह 10 लाख पौधे तैयार जा सकेंगे। इससे जिले के साथ ही आस-पास के जिले के कृषकों को गुणवत्ता युक्त स्वस्थ व रोग रहित पौधे प्राप्त होंगे। इकाई से जिले के साथ ही बेमेतरा, कबीरधाम, राजनांदगॉव के किसानों को भी लाभ मिलेगा।