दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले के 16 हजार किसानों द्वारा गरीब बनकर सरकारी राशन दुकानों से सस्ता चावल लिए जाने का खुलासा हुआ है। पिछले सीजन में समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। समर्थन मूल्य पर तय मात्रा से ज्यादा धान बेचने और खुद को गरीब बताकर सरकारी दुकानों से सस्ता राशन लेने वाले ये किसान अब पीडीएस से बाहर होंगे। इसके लिए इन किसानों के पात्रता का सत्यापन किया जाएगा और राशन कार्ड रद्द किए जाएंगे।
राज्य शासन द्वारा गरीब व जरूरतमंद परिवारों को सस्ते दर पर पीडीएस के माध्यम से राशन मुहैया कराया जाता है। इसके लिए आर्थिक स्थिति और कृषि जोत को आधार बनाकर हितग्राहियों को अलग-अलग श्रेणी के राशन कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। इसी तरह समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए भी जमीन के जोत के आधार पर पैमाना तय किया गया है। राशन कार्ड की पात्रता के लिए दी गई जानकारी और समर्थन पर धान बिक्री के आंकड़ों के मिलान में अंतर की स्थिति सामने आई है।
राज्य शासन द्वारा भूमिहीन, कृषि मजदूर, सीमांत और लघु किसानों को अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड दिए गए हैं। इस श्रेणी के हितग्राहियों को हर माह महज एक रुपए की दर से 35 किलो तक चावल दिया जाता है। इसके अलावा नमक, चना का लाभ भी मिलता है। वहीं एपीएल श्रेणी के हितग्राहियों को प्रति किलो 10 रुपए किलो की दर से भुगतान करना पड़ता है।
इस तरह हुआ खुलासा
राशन कार्ड बनवाने के दौरान हितग्राहियों के साथ पात्रता को लेकर घोषणा पत्र और आधार नंबर लिया गया है। इसी के आधार पर अलग-अलग श्रेणी का राशन कार्ड बनाया गया है। धान खरीदी के भुगतान के लिए भी आधार लिंक कराया गया है। दोनों के लिए जमाकर कराए गए आधार के मिलान में पात्रता के दावा और धान की बिक्री में अंतर पाया गया है।
अब होगा सत्यापन
खाद्य विभाग के राशन कार्ड और धान बिक्री के पंजीयन के आधार पर किसान चिन्हित किए गए हैं। जिला प्रशासन की टीम द्वारा पंचायतों में जाकर इन हितग्राहियों के जमीन के दस्तावेज मंगाकर जांच किया जाएगा। जांच में राशन कार्ड के लिए दी गई जानकारी और धान बिक्री के आंकड़ों को सामने रखकर पात्रता का सत्यापन किया जाएगा।
अपात्रों के रद्द होंगे राशन कार्ड
हितग्राही पात्रता में प्रमाणित नहीं हुआ तो राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा। लेकिन चाहे तो नई पात्रता के हिसाब से नया राशन कार्ड बनवा सकेगा। सत्यापन में जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन पाई जाएगी उन्हें प्राथमिकता श्रेणी और इससे अधिक पर एपीएल श्रेणी का कार्ड बनाने की पात्रता रहेगी।
22 से 26 के बीच होगा सत्यापन
कलेक्टर ने राज्य शासन के निर्देश पर हितग्राहियों के पात्रता के सत्यापन का निर्देश जारी किया है। इसके लिए 22 से 26 सितंबर तक की मियाद तय की गई है। इस बीच कलेक्टर द्वारा नियुक्त जांच दल में शामिल अधिकारी व कर्मचारी पंचायतों में जाएंगे और हितग्राहियों के पात्रता का सत्यापन करेंगे। इसके बाद अपात्र राशन कार्डों को निरस्त किया जाएगा।