कोरोना से लड़ने के सभी संसाधन मौजूद, जिला प्रशासन ने कहा अफवाहों पर न दे ध्यान

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने नागरिकों से अपील की है कि प्राइमरी कांटेक्ट होने पर, लक्षण उभरने पर टेस्ट जरूर कराएं। सभी फीवर क्लिनिक में टेस्ट के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने आम जनों से सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का पूरी तौर पर पालन करने आग्रह किया है। लोगों को भीड़ भाड़ वाली जगह से बचने की सलाह दी है तथा अफवाहों से बचने की सलाह दी है। किसी भी तरह की आपात स्थिति में कंट्रोल रूम के नंबर 0788-2210773 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से रक्षा के लिए सबसे अहम जरूरत है लक्षण दिखते ही टेस्टिंग कराना। लक्षण के उभरने के शुरुआती दिन महत्वपूर्ण होते हैं। इन दिनों में टेस्टिंग के निर्णय में विलंब हो जाने से कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है और मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है।
कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल में कितनी जगह खाली है इस संबंध में जिले की लिंक में सारी जानकारी उपलब्ध है। कोरोना के उपचार के लिए निजी अस्पताल भी चिन्हांकित किए गए हैं। जो नागरिक शासकीय कोविड केअर सेंटर में इलाज के इच्छुक नहीं हैं, वे यहां भी इलाज करा सकते हैं। शासन द्वारा चलाए जा रहे कोविड केयर सेंटर में सभी नागरिकों को निशुल्क इलाज प्रदान किया जा रहा है। इन कोविड केयर सेंटर में सभी श्रेणियों के मरीजों की इलाज की सुविधा है। मरीजों की ऑक्सीजन की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाती है तथा गंभीर बीमारियों के मरीजों को हायर सेंटर में रेफर करने की कार्रवाई की जाती है। सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी मरीज जो अस्पताल आए उसे भर्ती करने में किसी तरह से कोताही नहीं होनी चाहिए। जो मरीज गंभीर रूप से अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं अथवा जो पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। उनके इलाज के लिए अस्पताल में पूरी सुविधा रखी गई है। निजी अस्पतालों के मैनेजमेंट पर भी जिला प्रशासन द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। यहां से आ रही शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है सभी को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि किसी भी सूरत में इलाज में लापरवाही नहीं बरती जाए। इसके साथ ही इन अस्पतालों में किये जा रहे इलाज की व्यवस्था की मॉनिटरिंग भी जिला प्रशासन द्वारा गठित दल की ओर से की जा रही है । यह दल नियमित रूप से अस्पतालों का निरीक्षण कर यह देखता है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक संक्रमण से सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं। सैनिटाइजेशन का ध्यान रखा है या नहीं। फीवर क्लीनिक अलग संचालित किए जा रहे हैं या नहीं। जिला अस्पताल में भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकों को कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक प्रशिक्षण दिया गया है। जिला अस्पताल एवं 6 अस्पतालों में रात को भी सैंपलिंग के लिए दल लगाए गए हैं। कलेक्टर ने आम नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों से बचें कोविड के लक्षण महसूस होते ही तुरंत टेस्ट कराएं,  कोविड केयर सेंटर में सभी प्रकार के मरीजों के लिए इलाज की सुविधा है। इनके भोजन और दवाइयों की पूरी व्यवस्था केंद्र में मौजूद है। यहां रिकवरी रेट बहुत ही अच्छा है कोविड के मामले में सजगता सबसे ज्यादा जरूरी है। लक्षण प्रकट होते ही इसे नियंत्रित करने की दिशा में प्रयास करने से आसानी से इस विपदा से निपटा जा सकता है।

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