पहुच नहीं पा रहा सैलानियों तक पहलगाम, आतंकी हमले के बाद वीरान पड़ा पर्यटन केंद्र

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम आज खामोश है। बेताब घाटी से लेकर बॉबी हट तक, जहां कभी सैलानियों की चहल-पहल हुआ करती थी, आज सन्नाटा पसरा है। 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद से पहलगाम के लगभग एक दर्जन पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा छाया हुआ है। इस हमले ने न सिर्फ जानें लीं, बल्कि पूरे पर्यटन उद्योग को गहरी चोट पहुंचाई है।

सिर्फ 10% होटल ऑक्यूपेंसी
पहलगाम होटल्स एंड ओनर्स एसोसिएशन (PHOA) के अध्यक्ष जावेद बुरज़ा के अनुसार, पहलगाम के 1500 से अधिक होटलों में से अधिकतर में ऑक्यूपेंसी दर 10% तक सिमट गई है। “कई बड़े होटल पूरी तरह खाली हैं। स्टाफ को छुट्टी पर भेज दिया गया है क्योंकि पर्यटक नहीं आ रहे। यह हमला बहुत ही भयावह और डरावना था,” उन्होंने बताया।

बंद हैं पब्लिक पार्क, पर्यटन पुनर्जीवित करने की मांग
स्थानीय होटल मालिकों ने मांग की है कि पहलगाम के सभी सार्वजनिक पार्क जैसे कि पॉशवन पार्क, नेहरू पार्क, आइलैंड पार्क, लिडर व्यू पार्क और अरु पार्क को जल्द खोला जाए, जिससे पर्यटकों को लौटने के लिए प्रोत्साहन मिले। हालांकि, अभी सरकारी परामर्श के चलते ये पार्क बंद हैं।

अमरनाथ यात्रा से उम्मीदें जुड़ीं
होटल व्यवसायियों और स्थानीय युवाओं की नजर अब 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पर टिकी है। होटल व्यवसायी इस यात्रा के बाद पर्यटन में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। जावेद बुरज़ा ने बताया कि होटल्स में 50% तक की छूट दी जा रही है और पर्यटकों तक पहुंचने की कोशिश जारी है।

युवाओं का सपना टूटा, रोजगार संकट में
एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे ज़ॉर्बिंग और ज़िपलाइन में निवेश करने वाले स्थानीय युवा जैसे नज़ीर मीर आज बेरोजगारी और कर्ज की मार झेल रहे हैं। “पिछले सालों में पर्यटकों की अच्छी संख्या रही। इस साल हमने काफी उम्मीद की थी, लेकिन अब सब खत्म हो गया है,” नज़ीर ने कहा।

पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर है पहलगाम
लगभग 9,264 की आबादी वाला पहलगाम खेती या बागवानी पर निर्भर नहीं है। यहाँ का पूरा जीवन पर्यटन पर आधारित है। कई युवाओं ने होटल किराए पर लिए थे, लेकिन सीजन निकल जाने के बाद अब वे अपनी एडवांस रकम तक नहीं निकाल पा रहे हैं। स्थानीय निवासी फिरदौस डार ने बताया, “कई निवेशक मानसिक तनाव में हैं। सरकार को अब आगे आकर मदद करनी चाहिए।”

JKHARA की बड़ी पहल – 65% छूट और स्थानीय पैकेज
जम्मू-कश्मीर होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन (JKHARA) के अध्यक्ष बाबर चौधरी ने बताया कि अब होटल 65% तक की छूट देंगे और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों के लिए विशेष पैकेज भी पेश किए जाएंगे। “हम युद्ध जैसे हालात से बाहर आ रहे हैं। हम फिर से मेहमाननवाज़ी के लिए तैयार हैं,” उन्होंने कहा।

फिर से गुलज़ार होगा पहलगाम?
हालांकि पहलगाम का सौंदर्य अभी भी वैसा ही है – शांत, स्वच्छ और आकर्षक। होटल मालिकों को उम्मीद है कि यह वादी एक बार फिर सैलानियों से भर जाएगी। “कोई घटना हमारे हौसले को नहीं तोड़ सकती। हम पूरी तरह तैयार हैं,” जावेद बुरज़ा ने विश्वास जताया।

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