“लोकसभा में हंगामा: राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया गया, स्पीकर ओम बिड़ला पर लगाया बड़ा आरोप!”

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में एक बार फिर राजनीतिक घमासान देखने को मिला। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।

राहुल गांधी बोले – “स्पीकर भाग गए!”

राहुल गांधी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि सदन में क्या हो रहा है। मैंने स्पीकर से बोलने की अनुमति मांगी, लेकिन वह भाग गए। यह सदन चलाने का सही तरीका नहीं है। उन्होंने मेरे खिलाफ कुछ आधारहीन बातें कहीं और फिर सदन को स्थगित कर दिया। इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी।”

रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि सदन की परंपरा के अनुसार, विपक्ष के नेता को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाता है। लेकिन जब भी वे बोलने के लिए खड़े होते हैं, उन्हें रोका जाता है

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने क्या कहा?

स्पीकर ओम बिड़ला ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद के सदस्य सदन की गरिमा बनाए रखें। उन्होंने कहा, “मुझे कई ऐसे मामले मिले हैं, जिनमें सदन के कुछ सदस्यों का आचरण उच्च मानकों के अनुरूप नहीं था।”

स्पीकर ने लोकसभा के नियम 349 का हवाला देते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को सदन में मर्यादित आचरण करना चाहिए

कुंभ मेले पर पीएम मोदी के बयान पर विपक्ष का हंगामा

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में प्रयागराज कुंभ मेले पर बयान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि कुंभ मेले ने भारत की क्षमताओं को दुनिया के सामने रखा है और आयोजन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी।

लेकिन इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और प्रयागराज में कुंभ के दौरान हुई भगदड़ में मारे गए लोगों को लेकर सरकार से जवाब मांगा

राहुल गांधी का पलटवार: “पीएम को कुंभ पीड़ितों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी”

बाद में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “मैं प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारा इतिहास, परंपरा और संस्कृति है। हमारी बस एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने कुंभ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी।”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि “कुंभ मेले में युवाओं को रोजगार की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे को नजरअंदाज किया।”

क्या है नियम 372?

स्पीकर ओम बिड़ला ने लोकसभा में नियम 372 का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री या कोई भी मंत्री सदन में बिना किसी सवाल-जवाब के अपना बयान दे सकता है

राहुल गांधी का तंज – “यह नया भारत है!”

राहुल गांधी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि “लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अनुसार विपक्ष के नेता को बोलने का अवसर मिलना चाहिए, लेकिन सरकार हमें नहीं बोलने देती। यह नया भारत है।”

निष्कर्ष

लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच यह टकराव लोकतंत्र की मूल भावना और संसद में संवाद की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करता है। राहुल गांधी का यह बयान आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस को और तेज कर सकता है

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