वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर किए, जिसमें चुनाव प्रक्रिया में व्यापक बदलाव करने की बात कही गई है। इस आदेश के तहत मतदाताओं को नागरिकता का प्रमाण दिखाना अनिवार्य, केवल चुनाव दिवस तक प्राप्त मेल बैलटों को गिनने की अनुमति और गैर-अमेरिकी नागरिकों के चुनावी दान पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं।
भारत का उदाहरण देकर ट्रंप ने किया अमेरिका की चुनाव प्रणाली पर सवाल
ट्रंप ने भारत और ब्राज़ील जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां वोटर आईडी को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ा जाता है, जबकि अमेरिका अभी भी स्व-घोषणा (Self-Attestation) पर निर्भर है। इसके अलावा, जर्मनी और कनाडा में कागज़ी बैलेट का उपयोग किया जाता है, जबकि अमेरिका की चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा की गंभीर कमी है।

ट्रंप का आदेश: क्या होंगे मुख्य बदलाव?
1. अमेरिकी नागरिकता का प्रमाण अनिवार्य
अब अमेरिकी नागरिकों को मतदान के लिए पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज़ों के माध्यम से अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। इसके अलावा, वोटर लिस्ट को डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी को सौंपने का निर्देश दिया गया है ताकि गैर-अमेरिकी नागरिकों की पहचान की जा सके।
2. केवल चुनाव दिवस तक प्राप्त वोट ही होंगे मान्य
ट्रंप के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वोट तभी गिने जाएंगे जब वे चुनाव दिवस तक डाक से प्राप्त हो जाएं। इस प्रावधान के तहत, यदि कोई राज्य इसका पालन नहीं करता है तो उसे संघीय अनुदान (Federal Grants) खोने का खतरा रहेगा।
3. वोटिंग मशीनों में QR कोड पर प्रतिबंध
अब अमेरिकी वोटिंग मशीनों में QR कोड या बारकोड पर निर्भरता को खत्म किया जाएगा ताकि चुनावों की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
4. विदेशी नागरिक नहीं कर सकेंगे चुनावी चंदा
ट्रंप ने विदेशी हस्तक्षेप को रोकने के लिए गैर-अमेरिकी नागरिकों और विदेशी संगठनों द्वारा चुनावी चंदा देने पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि यह विदेशी ताकतें अमेरिका की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास करती हैं।
ट्रंप का बयान: “स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव अमेरिका के लिए अनिवार्य”
ट्रंप ने कहा कि “स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव अमेरिका के संविधान और लोकतंत्र की नींव हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों को ईमानदार और जनता के विश्वास के योग्य बनाना जरूरी है।
क्या होगा इस आदेश का असर?
- चुनावी प्रक्रिया पहले से अधिक सख्त और पारदर्शी होगी।
- विदेशी हस्तक्षेप और धांधली के आरोपों पर अंकुश लगेगा।
- मेल बैलटिंग प्रक्रिया में बदलाव से कुछ मतदाताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
- इस आदेश को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी से विरोध झेलना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह नया आदेश अमेरिकी चुनावी प्रणाली में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। हालांकि, यह आदेश चुनावी सुधारों की दिशा में एक ठोस कदम माना जा सकता है, लेकिन इस पर राजनीतिक बहस और कानूनी चुनौतियां आ सकती हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस आदेश का अमेरिकी राजनीति और आगामी चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
