छत्तीसगढ़ बना सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का मॉडल, राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के अधिकारियों ने की सराहना

रायपुर: छत्तीसगढ़ सतत विकास, सुशासन और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभर रहा है। इसी भावना को राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (NDC) के 18 वरिष्ठ सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने व्यक्त किया, जिन्होंने राज्य के विस्तृत दौरे के बाद मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। इस दौरे के दौरान अधिकारियों को छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था, रणनीतिक बुनियादी ढांचे और नीतिगत नवाचारों का प्रत्यक्ष अनुभव मिला।

मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि एक अद्वितीय अनुभव है। हमारी 44% भूमि घने जंगलों से आच्छादित है, जिससे हम न केवल जैव विविधता के रक्षक हैं बल्कि आदिवासी विरासत के भी संरक्षक हैं। आपका यह दौरा केवल प्राकृतिक सौंदर्य को देखने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ऐसी सभ्यता को समझने का अवसर है जो परंपरा और परिवर्तन दोनों को साथ लेकर चलती है।”

सुरक्षा और विकास के संतुलन की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने राज्य में सुरक्षा चुनौतियों और समावेशी विकास को संतुलित करने की रणनीति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं है। हम शिक्षा को मजबूत कर, बुनियादी ढांचे का विस्तार कर और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देकर उन क्षेत्रों की तस्वीर बदल रहे हैं, जो कभी संघर्षग्रस्त थे। शहरीकरण और औद्योगीकरण को ग्रामीण विकास के साथ संतुलित किया जा रहा है ताकि कोई भी समुदाय पीछे न रहे। छत्तीसगढ़ केवल बदल नहीं रहा, बल्कि उदाहरण पेश कर रहा है।”

एनडीसी प्रतिनिधिमंडल ने की छत्तीसगढ़ की विकास नीतियों की समीक्षा

राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के भारतीय और अंतरराष्ट्रीय उच्चाधिकारियों के इस प्रतिनिधिमंडल ने आईआईएम रायपुर, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर, ग्रीनफील्ड सिटी और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स का दौरा किया। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ राज्य की कानून व्यवस्था, आतंकवाद विरोधी अभियानों और आर्थिक स्थिरता से जुड़े नीतिगत पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।

संस्कृति, नवाचार और रणनीतिक विकास का संगम

छत्तीसगढ़ की नीतिगत ढांचे के अलावा इसकी सांस्कृतिक विरासत और अधोसंरचना विकास ने भी प्रतिनिधिमंडल पर गहरी छाप छोड़ी। उनके दौरे में सिरपुर के ऐतिहासिक अवशेष, दंतेवाड़ा का एजुकेशन सिटी, कांकेर का वुड आर्ट सेंटर, जंगल वारफेयर कॉलेज, कोंडागांव का टाटामारी और शिल्पग्राम, बादल अकादमी और प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात जैसे स्थान शामिल रहे। इससे यह साफ हुआ कि छत्तीसगढ़ ने विरासत संरक्षण और आधुनिकीकरण को समान रूप से अपनाया है।

छत्तीसगढ़ की नीतियों को मिली वैश्विक पहचान

एनडीसी के प्रमुख एडमिरल संदीप सिंह संधू ने छत्तीसगढ़ की नवोन्मेषी सुशासन प्रणाली की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज का वार्षिक रणनीतिक कार्यक्रम सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय नीति तंत्र की गहरी समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस वर्ष के बैच में 124 अधिकारी शामिल हैं, जिनमें 13 भारतीय और 5 अंतरराष्ट्रीय रक्षा बलों के अधिकारी हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ की अद्वितीय प्रशासनिक और विकास योजनाओं को समझने के लिए यह दौरा किया।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख अधिकारी

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुभोध सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, श्री पी. दयानंद और डॉ. बसवराजू एस. सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

एनडीसी के प्रमुख अधिकारियों में शामिल थे:

  • ब्रिगेडियर अमितोज़ सिंह
  • श्री संदीप कुमार मिश्रा
  • कमोडोर कार्तिक मूर्ति
  • ब्रिगेडियर अनिरुद्ध सिंह कंवर
  • एयर कमोडोर शेखर यादव
  • ब्रिगेडियर गुरप्रीत सिंह मान
  • ब्रिगेडियर रजनीश मोहन
  • कैप्टन एम. वी. ओरपे

प्रतिनिधिमंडल में श्रीलंका, मोरक्को, नाइजीरिया, नेपाल और यूएई के अधिकारी भी शामिल थे, जो छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक मॉडल को समझने के लिए आए थे।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ सरकार की विकास और सुरक्षा की संतुलित नीति, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और समावेशी आर्थिक नीति अब वैश्विक स्तर पर पहचान बना रही है। यह दौरा छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य के रूप में उभरता देखने का प्रमाण है, जो न केवल अपनी विरासत को सहेज रहा है, बल्कि एक सुदृढ़ और आधुनिक शासन प्रणाली की मिसाल पेश कर रहा है।

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